अब बेटियां फ्रंटलाइन पर खड़े होकर पर्यावरण के संरक्षण और संवद्र्धन में भी अहम भूमिका निभाती नजर आएंगी। बतौर forest guard महकमे में पहले भी महिलाओं को तैनाती मिलती रही हैं लेकिन इस साल हुई forest guard भर्ती में बड़ी संख्या महिला अभ्यर्थी पासआउट होने से आंकड़ों में काफी बढ़ोतरी हुई है। यह खबर महिलाओं का उत्साह बढ़ाने में अहम् भूमिका निभानी चाहिए।
1078 पदों में से 359 पर महिला अभ्यर्थी –
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बेटियां अब फ्रंटलाइन पर खड़े होकर पर्यावरण के संरक्षण और संवद्र्धन में अहम भूमिका निभाती नजर आएंगी। अब बतौर forest guard महकमे में पहले भी महिलाओं को तैनाती मिलती रही हैं, इस साल हुई forest guard भर्ती में बड़ी संख्या महिला अभ्यर्थी पासआउट होने से आंकड़ों में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस भर्ती में कुल 1078 पदों में से 359 पर महिला अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट में आई। वर्तमान में इन्हें पहाड़ से लेकर मैदान की रेंजों के जंगल में फील्ड प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
आपको बता दे कि इसके अलावा Forest ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट समेत अन्य संस्थानों में भी forest guard का कोर्स कराया जा रहा है। ताकि स्थायी तैनाती मिलने पर ड्यूटी को लेकर कोई दिक्कत न आए।
दिलचस्पी की वजह से Forest की नौकरी को चुना –
वेस्टर्न सर्किल की डिवीजनों में पूर्व DFO के पद पर कई बार महिला IFS को नियुक्ति मिलती रही है। इसके अलावा बतौर वन क्षेत्राधिकारी रेंज की जिम्मेदारी को भी इन्होंने बखूबी निभाया, मगर forest guard के तौर पर इनकी संख्या कम रही। नियुक्ति मिलने पर प्रयास रहता था कि इनसे आफिस कार्य ज्यादा कराए जाएं, लेकिन अब 359 महिला अभ्यर्थियों के पासआउट होने पर इन्हें अलग-अलग रेंजों को ट्रांसफर दिया गया है। जहां इनका प्रशिक्षण कार्य चल रहा है। तराई की रेंज में नियुक्ति पाने वाली सुनीता अधिकारी ने बताया कि दिलचस्पी की वजह से फारेस्ट की नौकरी को चुना है। वन संपदा और वन्यजीवों के संरक्षण में शत-प्रतिशत योगदान दिया जाएगा।
टांडा और पीपलपड़ाव रेंज में 25 से अधिक महिला अभ्यर्थी –
तराई केंद्रीय डिवीजन की टांडा और पीपलपड़ाव रेंज में 25 से अधिक महिला अभ्यर्थी शामिल हुई हैं। रेंजर पीपलपड़ाव रूप नारायण गौतम ने बताया कि जंगल में गश्त कराने के साथ पौधों की पहचान और वन्यजीवों के पदचिह्न पहचानने का प्रशिक्षण भी इन्हें दिया जा रहा है। बाघ-हाथी के पारंपरिक रास्तों की जानकारी दी जा रही है। इसके बाद वन आरक्षी की पढ़ाई करवाई जाती है। नवनियुक्त महिला forest guard में ड्यूटी को लेकर पूरी गंभीरता है।