पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का आज जन्मदिन है. लोग प्यार से उन्हें ‘दीदी’ बुलाते हैं, और बंगाल में उन्हें शेरनी का दर्जा दिया गया है. वैसे आपकी जानकारी के लिए आपको बता दे कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का जन्म 5 जनवरी 1955 को कोलकाता में हुआ था और उनका यह 66 वां जन्मदिन है, साल 2011 से पश्चिम बंगाल पर राज कर रहीं ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने वाम दलों को सत्ता को उखाड़कर बंगाल पर जो राज कायम किया वो एक मिसाल है और अब आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी उनकी हुंकार विपक्षियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है..
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का शुरआती जीवन –
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का जन्म कोलकाता में एक हिंदू बंगाली परिवार में हुआ था और उनके पिता का नाम प्रोमिलेश्वर बनर्जी था और मां का नाम गायत्री देवी था. 1970 में कांग्रेस के साथ सफर शुरू किया जो 1997 तक चला. 1998 में तृणमूल कांग्रेस के नाम से उन्होंने नई पार्टी बनाई और उसकी अध्यक्ष बनकर साल 2011 में वाम दलों की दशकों पुरानी सत्ता को उखाड़कर पश्चिम बंगाल में नए सूरज का उदय किया.
जिनको हराना नामुमकिन उनको हराया ममता बनर्जी ने –
आपको बता दे कि उनकी मुलाकात प्रणब मुखर्जी से साल 1983 में हुई थी, वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की बैठक के दौरान मिले थे. उस समय प्रणब मुखर्जी ने ममता में छुपी प्रतिभा को पहचान लिया था. जब जाधवपुर लोकसभा सीट से उनके लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी ने ममता बनर्जी को चुना तो यह पल उनको उनकी जिंदगी के असली मकसद से परिचय करवाता दिखा, इस फैसले ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की जिंदगी बदल दी. उनकी टक्कर ऐसे राजनेता से हुई जिनको हराना उस समय नामुमकिन ही मन जाता था वो थे CPM के सोमनाथ चटर्जी. लेकिन इस चुनौती को ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सम्मान दिया और 1984 के चुनाव में जादवपुर लोकसभा सीट से उन्हें हराकर वो कर दिखाया और सभी को हैरान कर दिया. वो उस समय की सबसे युवा सांसद बनीं.
‘दीदी’ जी जित पर प्रणब मुखर्जी ने भी की तारीफ –
आपको बता दे कि प्रणब मुखर्जी ने खुद ममता बनर्जी के लिए कैंपेनिंग में हिस्सा लिया था लेकिन ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की अपने चुनाव के लिए खुद की गई मेहनत को देखकर उन्होंने उसी समय कह दिया था कि ये लड़की आगे चलकर राजनीति के शिखर पर पहुंचेगी. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के कार्य और उनकी मेहनत से प्रभावित होकर प्रणब मुखर्जी ने खुद कहा था कि वो एक अच्छी लड़की हैं. आज उनकी मेहनत के फल स्वरूप ममता बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री हैं.
सिर्फ 15 साल की उम्र में रखा राजनीति में कदम –
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अपने जीवन के महज 15 साल की कम उम्र में ही राजनीति में कदम रख लिए थे. उन्होंने 15 साल की उम्र में जोगमाया देवी कॉलेज में छात्र परिषद यूनियन की स्थापना की जो कांग्रेस (आई) की स्टूडेंट विंग थी. इसने वाम दलों की ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन को हराया था और उन्होंने बंगाल को अपनी मौजूदगी का अहसास करवाया.