आसाराम के बेटे नारायण साईं (Narayan Sai) को सूरत के सेशन कोर्ट ने रेप का दोषी माना। करीब 11 साल पुराने इस मामले में कोर्ट 30 अप्रैल को सजा सुनाएगी।
कैरेवन की रिपोर्ट के अनुसार 1996 में अहमदाबाद के आश्रम में 12 दिन का अनुष्ठान था। घरवालो ने दोनों बहनों में से पहले बड़ी बहन को वहाँ भेजा था। बाद में जब घरवाले बड़ी बहन को लेने पहुँचे तो आसाराम की पत्नी लक्ष्मी देवी ने समझा बुझा कर उसे आसाराम के पास ही रहने को तैयार कर लिया। गुरु में अटूट श्रद्धा के कारण परिवार मान गया और बेटी को वही गुरु के पास छोड़ गया।
यही परिवार सन 2000 में अपनी 16 वर्षीय छोटी बेटी के साथ नारायण साईं के कार्यक्रम में हिस्सा लेने सूरत पहुँचा। कथित तौर पर यहाँ नारायण साईं की और से उन्हें बहलाया फुसलाया गया। और छोटी बेटी को मेघनगर आश्रम बनने में सहयोग के बहाने रोक लिया गया.
उसे सन 2000 में नारायण साईं (Narayan Sai) के साथ बिहार और नेपाल के टूर ले जाया गया. वहां से लौटकर सूरत आई तो रिपोर्ट के मुताबिक एक दिन साईं ने उसे अपने पास बुलाया। फिर उसका रेप किया। बार-बार किया। बाद में लड़की ने अपने घर जाने की कोशिश की तो उसे मारा-पीटा गया।
एक दिन भाई की मदद से माँ की बीमारी का बहाना बनाकर उसने आश्रम से घर जाने की परमिशन ले ली मगर सिर्फ 10 दिन के लिए। घर पहुच कर वो किसी को इसके बारे में बताने की हिम्मत नही जुटा सकी इधर 10 दिन होते ही आश्रम से फोन आने लगे न लौटने पर उन्हें धमकाया गया। मगर अब वो गई नही।
कुछ दिन बाद बड़ी बहन को भी बुला लिया गया। बड़ी बहन ने छोटी बहन को अपनी आपबीती सुनाई मगर दोनों अपने माता पिता को बताने की हिम्मत नही कर सकी। कुछ समय बाद दोनों बहनों की शादी हो गयी ।
2013 में जब आसाराम गिरफ्तार हो गया तो दोनों बहनों को हिम्मत मिली और दोनों इंसाफ के लिए इस लड़ाई में कूद गई। 6 अक्टूबर 2013 को दोनों ने सूरत में केस दर्ज करवाया। बड़ी बहन ने आसाराम पर यौन शोषण का आरोप लगाया तो छोटी ने नारायण साईं पर. दोनों को अपने पतियों का भी पूरा सपोर्ट मिला।
इसके बाद नारायण साईं (Narayan Sai) पर आईपीसी की धारा 376, 377, 365, 120बी में केस दर्ज कर लिया गया। दिसंबर 2013 में नारायण साईं को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए वो नकली हुलिया बनाकर छुपा हुआ था। खुद को कृष्ण का रूप बाताने वाले नारायण साईं की गिरफ्तारी के बाद उसके कृष्ण की तरह महिलाओं के बीच बांसुरी बजाने के कई वीडियो भी सामने आए थे।
साईं की गिरफ्तारी के बाद केस लड़ने के दौरान दोनों लड़कियों के परिवार को जान से मारने की धमकियां मिलीं। कई बार हमले हुए। मगर दोनों बहनों ने संघर्ष जारी रखा। पीड़िता छोटी बहन ने अपने बयान में नारायण साईं के खिलाफ ठोस सबूत देते हुए हर लोकेशन की पहचान की है। नारायण साईं के खिलाफ सेशन कोर्ट में 53 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। इनमें वो गवाह भी हैं, जिन्होंने या तो रेप होते हुए देखा था या फिर नारायण साईं की मदद की थी और बाद में गवाह बन गए थे। करीब साढे़ पांच साल तक चली इस सुनवाई के बाद आखिरकार कोर्ट ने नारायण साईं को रेप का दोषी करार दिया और कहा कि सजा 30 अप्रैल को सुनाई जाएगी।