देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था की सपा-बसपा गठबंधन (SP-BSP Alliance) ज्यादा दिन नहीं चलेगा और हुआ भी यही जैसे ही चुनाव के नतीजे आये वैसे ही मायावती और अखिलेश यादव एक दुहरे के खिलाफ बयां बजी करते दिखे.
बात यह है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में किया गया सपा-बसपा गठबंधन (SP-BSP Alliance) पूरी कामयाब नहीं हुआ तथा दोनों पार्टियों के नेताओं ने भी एक दूसरे से दुरी बना ली. इसके बाद उन्होंने गठबंधन भी तोड़ने का ऐलान कर दिया था.
अब मायावती (Mayawati) ने एक बार फिर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जमकर हमला बोला है. बसपा की राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग में मायावती ने कहा कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने मुझे फोन नहीं किया. सतीश मिश्रा ने उनसे कहा कि वे मुझे फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं किया. मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और काउंटिग के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनके परिवार के हारने पर अफसोस जताया.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि तीन जून को जब मैंने दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन तोड़ने की बात कही तब अखिलेश ने सतीष चंद्र मिश्रा को फोन किया, लेकिन तब भी मुझसे बात नहीं की.
चुनावों का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि अखिलेश ने मिश्रा से मुझे मैसेज भिजवाया कि मैं मुसलमानों को टिकट न दूं, क्योंकि उससे और ध्रुवीकरण होगा, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी. मायावती (Mayawati) ने आरोप लगाया कि मुझे ताज कॉरिडोर केस में फंसाने में बीजेपी के साथ मुलायम सिंह यादव का भी अहम रोल था. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश की सरकार में गैर यादव और पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई, इसलिए उन्होंने वोट नहीं किया. इसके अलावा सपा ने प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया था इसलिए दलितों, पिछड़ों ने उसे वोट नहीं दिया.
इसके अलावा मायावती ने आरोप लगाया कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सलीमपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने हराया. उन्होंने सपा का वोट बीजेपी को ट्रांसफर करवाया, लेकिन अखिलेश ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
हम आपको बताना चाहते है कि जब सपा बसपा गठबंधन (SP-BSP Alliance) होने पर मायावती ने कहा था की गेट वो हाउस काण्ड को जनता के हित के लिए भूल कर गठबंधन कर रही है तथा अखिलेश यादव ने कहा था कि बहन जी की इज्जत उसकी इज्जत जैसी है.