CRPF की पहली महिला आईजी, एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं-बच्चों के लिए भी किये कई काम

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चारु सिन्हा श्रीनगर में CRPF की पहली महिला आईजी होगी। चारु इससे पहले एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं-बच्चों के लिए काम कर चुकी है और उन्होंने नक्सल इलाकों में भी इंचार्ज रहा चुकी है। चारु यूएन के मिशन के लिए भी काम कर चुकी हैं। उन्होंने हैदराबाद के सेंट फ्रांसिस कॉलेज फॉर वुमन से इंग्लिश लिट्रेचर, हिस्ट्री और पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएशन किया है।

एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं-बच्चों के लिए काम किया
चारु तेलंगाना के मेडक जिले में एन्टी-नक्सल ऑपरेशन की ओएसडी इंचार्ज रह चुकी हैं। कई नक्सलियों ने उनके सामने सरेंडर भी किया।

जो नक्सली सरेंडर करते, उनके पुनर्वास में भी चारु सक्रिय भूमिका निभातीं। प्रकाशम जिले में एसपी रहने के दौरान उन्होंने तटीय इलाकों के मछुआरों और चेंचू आदिवासियों के लिए कई काम किए। उन्हें नक्सलियों की मदद नहीं करने लिए समझाया। एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं और बच्चों के लिए काम किया। ऐसी महिलाएं जिन्हें एचआईवी होने पर घर वाले निकाल देते थे, उन्हें सम्पत्ति का हक़ दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

डेक्कन क्रॉनिकल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उस दौर में मीडिया हर वक्त मेरा पीछा करने लगा था। मैं कहां जाती हूं, किससे मिलती हूं, हर चीज रिपोर्ट की जाती थी। ऐसा लगता था, जैसे मेरी पर्सनल लाइफ खत्म सी हो गई हो, लेकिन धीरे-धीरे चीजें सामान्य होती गईं।

यूएन मिशन
2015 में यूएन के कोसोव में एक मिशन के लिए देशभर से पुलिस अधिकारी सिलेक्ट किए जा रहे थे। चारु उस वक्त गंभीर पीठ दर्द से परेशान थीं, लेकिन प्रक्रिया टलती गई। चारु अपनी बीमारी से न सिर्फ उबरीं, बल्कि इस मिशन के लिए सिलेक्ट भी हुईं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान
तेलंगाना में वे एंटी करप्शन ब्यूरो की डायरेक्टर रहीं। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए। नेताओं के दबाव में आए बिना कई करप्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। उन्होंने ऐसे मामलों पर भी एक्शन लिया, जिनकी फाइलें सरकारी दबाव के चलते दबा दी गई थीं। यहां से जब उनका ट्रांसफर हुआ, तो कहा गया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया इसकी एक वजह रही होगी।

सीआरपीएफ में आईजी
फरवरी 2018 में उन्हें डेपुटेशन पर CRPF में आईजी बनाकर भेजा गया। जहां अप्रैल 2018 में उनकी पोस्टिंग बिहार सेक्टर में सीआरपीएफ आईजी के तौर पर हुई थी। यहां भी उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ कई मुहिम की अगुआई की। यहां से उनकी पोस्टिंग जम्मू सीआरपीएफ में की गई।