महिला व उसके पिता पर दहेज देने का आरोप, केस दर्ज करने का आदेश

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INDIAN DOWRY
दहेज़ देने का केस दर्ज

छत्तीसगढ़ में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मंगलवार को एक महिला और उसके पिता के खिलाफ दहेज देने का केस दर्ज करने का आदेश दिया। महिला के पति ने उन पर दहेज़ देने का आरोप लगाया है। आरोप इस तरह है कि दहेज के तौर पर 3.10 करोड़ रुपए दिए गए थे।

मामला इस तरह है कि दुर्ग निवासी विजय अग्रवाल की बेटी रूही की शादी 16 जनवरी 2007 को नेहरू नगर के निमिष अग्रवाल (38) से हुई थी। 7 मई 2016 को रूही ने सुपेला थाने में निमिष के खिलाफ दहेज मांगने की रिपोर्ट लिखाई थी। छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ कि दहेज देने वालों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, रूही की शिकायत के बाद पुलिस ने निमिष को दहेज अधिनियम के तहत आरोपी बनाया। यह केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में पहुंचा, जहां जज हरीश कुमार की अदालत में सुनवाई शुरू हुई।

दहेज़ देने कि बात सच्चाई
कोर्ट में सुनवाई के दौरान रूही और उनके पिता विजय अग्रवाल ने दो किस्तों में दहेज की रकम देने की बात स्वीकार की थी। लड़की के पिता विजय अग्रवाल ने भी माना कि बतौर दहेज उन्होंने 2.50 करोड़ और फिर 60 लाख रुपए वर पक्ष के परिवार के सदस्यों के खाते में जमा कराए हैं।

आरोपी निमिष ने इसी को आधार बनाकर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लड़की वालों के खिलाफ याचिका लगा दी। जिसकी मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने रूही और विजय अग्रवाल पर मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया है।

दहेज़ देने पर सजा का प्रावधान
दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा 3 के तहत यदि कोई भी व्यक्ति दहेज देगा या लेगा, तो इस नियम के तहत वह आरोपी मन जायेगा। आरोप सिद्ध होने पर कम से कम पांच साल की सजा हो सकती है तथा 15 हजार से दहेज की रकम तक दोनों में जो अधिक होगा, का जुर्माना होगा। यह गैर जमानती धारा है।