महिलाओं के प्रति लोगों की सोच आज भी तिरस्कार की है उनका सोचना है की महिलायें घूंघट निकले पुरुषों का हर कहा माने । मगर इससे भी बुरी बात मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र में आने वाले एक गांव आमेठ की है ।
इसमें महिलाएं मर्दों के सामने चप्पल उतार कर नंगे पैर चलती हैं। इस गांव में महिलाओं की संख्या लगभग पांच सौ है। जब महिलायें गावं में से पानी या कुछ और सामान लेकर निकलती है। तो एक हाथ से चप्पल और दूसरे से सामान उठती है।
पुरुष इसे पुरखों की परंपरा बताते हैं वो कहते है की इससे पुरषों की इज्जत होती है। यह रिवाज पहले सिर्फ निचली जाति की औरतों के लिए ही था । मगर बाद में ये सभी जातियों की औरतों के लिए ज़रूरी कर दिया।
अब कुछ युवा इसके खिलाफ होते जा रहे है। इन सब को देख कर यही लगता है की आज भी ऐसी भेदभाव वाली परम्पराओं को महिलाओं पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है ।