पिछले पांच साल तक विवादों में रही मोदी सरकार की मंत्री स्मृति ईरानी (smriti irani) ने आखिर अपनी जिद्द से इस लोकसभा में बहुचर्चित जीत हासिल की है क्योंकि उन्होंने राहुल गाँधी के गढ़ कहे जाने वाले अमेठी से राहुल को बाहर कर दिया है।
पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी स्मृति ईरानी (smriti irani) को जब इस बार टिकट दिया तो उन्होंने खुशी-खुशी स्वीकार किया तथा जोर शोर से वहां प्रचार भी किया और आखिरकार बाजी भी जीत लीै। स्मृति यहां 55120 वोटों से जीतीं।
इसको मिलाकर इस बार 3 चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। पहला नतीजा अमेठी का है और यहां परिणाम घोषित होने से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार मान ली थी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी (smriti irani) को जीत की बधाई दी। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद स्मृति लगातार अमेठी में डटी रहीं। राहुल गाँधी की अमेठी से गैरमौजूदगी को भी उन्होंने चुनावी मुद्दा बनाया। उधर, मध्यप्रदेश की गुना सीट पर पहली बार सिंधिया परिवार के किसी सदस्य को हार का सामना करना पड़ा। यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भाजपा के केपी यादव 1.25 लाख वोटों से जीते।
राहुल ने कहा- स्मृति ईरानीजी प्यार से अमेठी की जनता की देखभाल करें
अमेठी में करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अमेठी के नतीजे पर मैं कहना चाहूंगा कि स्मृति ईरानीजी जीती हैं, उन्हें मैं बधाई देना चाहता हूं। अमेठी की जनता ने अपना फैसला दिया है, मैं उस फैसले का सम्मान करता हूं। यह लोकतंत्र है। मैं चाहता हूं कि स्मृति ईरानीजी प्यार से अमेठी की जनता की देखभाल करें और जो भरोसा अमेठी की जनता ने उन पर जताया है, उसे वो पूरा करें।’’
गौरतलब है की मोदी सरकार में हमेशा में चर्चा में रहने वाली स्मृति ईरानी ने अमेठी में हमेशा अपनी मौजूदगी रखी है तथा राहुल की नाकामियां यहाँ के लोगो को बताती रही है। बीजेपी ने पांच साल से राहुल गाँधी के खिलाफ यहाँ जमीन तैयार की थी जो अब नतीजों में तब्दील हुई है।