प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार को एक गैरराजनीतिक इंटरव्यू दिया है। चुनावो के इस गहमागहमी माहौल में ये non political interview पीएम मोदी के लिए राहत भरा रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके आवास 7, लोककल्याण मार्ग पर दिए इंटरव्यू के दौरान humour की बात की, अपनी माँ के बारे में भी बात की और अपने विपक्षियों से जुड़ी बेहद निजी बातें भी साझा कीं।
मेरी माँ भेजती है मुझे पैसे
अक्षय कुमार ने पीएम मोदी ((Narendra Modi) ) से पूछा कि आपकी सैलरी में से आप अपनी माँ को कितना पैसा देते है? जवाब में पीएम मोदी ((Narendra Modi) ) ने कहा कि मेरी माँ मुझे पैसे देती है। पीएम मोदी ने कहा कि जब भी मैं उनसे मिलने जाता हूं तो वो हर बार मेरे हाथ मे पैसे देती है चाहे वो सवा रुपये ही क्यों न हो।
इसके अलावा और भी बहुत दिलचस्प बातें अक्षय कुमार (Akshay kumar) द्वारा पूछने पर पीएम मोदी ने बताई –
अक्षय: मैंने एक बार मेरे ड्राइवर की बेटी से पूछा कि मोदी जी मिलें तो क्या सवाल करोगी? उसने कहा- क्या हमारे प्रधानमंत्री आम खाते हैं,खाते हैं तो कैसे, काटकर या गुठली के साथ?
मोदी: आम खाता हूं। मुझे पसंद भी है। गुजरात में आम रस की परंपरा है। छोटा था तो बचपन में पेड़ से पके आम तोड़कर खाना पसंद था। बाद में आम रस खाने की आदत लगी। लेकिन अब मुझे कंट्रोल करना पड़ता है कि खाऊं या नहीं।
अक्षय:आप संन्यासी बनना चाहते थे? सेना में जाना चाहते थे?
मोदी: 1962 की जंग हुई। स्टेशन पर देखा जो लोग फौज में जा रहे थे, उनका काफी सम्मान होता था। तब मन में आया कि यह देश के लिए कुछ करने का माध्यम है।
अक्षय: कभी सोचा था कि प्रधानमंत्री बनेंगे? यह विचार कब आया?
मोदी: कभी नहीं सोचा था कि मैं प्रधानमंत्री बनूंगा। जो मेरा फैमिली बैकग्राउंड है उसमें मुझे कोई अच्छी सी नौकरी भी मिल जाती तो मां पड़ोसियों को गुड़ खिला देती। मुझे आश्चर्य हो रहा है कि देश मुझे इतना प्यार क्यों दे रहा है।
अक्षय: क्या हमारे प्रधानमंत्री को गुस्सा आता है? आता है तो किस पर और कैसे निकालते हैं?
मोदी: राजी-नाराजगी यह स्वभाव के हिस्से हैं। हर प्रकार की चीज सब में होती है। आपके स्वभाव में ईश्वर ने दिया है आपको तय करना है। मैं इतने दिन तक मुख्यमंत्री रहा, इतने दिन प्रधानमंत्री रहा, किसी चपरासी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक पर गुस्सा करने का अवसर नहीं मिला। कोई मेरे लिए कुछ लाया तो मैं तो खुद हेल्पिंग हैंड के रूप में खड़ा हो जाता हूं। मैं लोगों से सीखता भी हूं और सिखाता भी हूं। मेरे अंदर गुस्सा होता होगा, लेकिन मैं व्यक्त करने से खुद को रोक लेता हूं
अक्षय: आप मां के साथ नहीं रहना चाहते?
मोदी: मैं पीएम बनकर घर से निकला होता तो लगता कि सब मेरे साथ रहें। लेकिन मैंने बहुत छोटी उम्र में वह सब छोड़ दिया। मैं घर छोड़कर निकल गया तो मेरी ट्रेनिंग वैसी हुई। लेकिन फिर भी मैंने मां को बुला लिया था। कुछ दिन उनके साथ बिताए। लेकिन मां कहती थी, क्यों अपना समय खराब करते हो। जितने दिन मां रही, मैं अपने शेड्यूल में ही लगा रहता था। रात को 12 बजे आता तो मां को दुख होता कि ये क्या कर रहा है।
अक्षय: जब आप मुख्यमंत्री थे तब मिला था तब मैंने आपको एक-दो चुटकुले सुनाए थे। क्या पीएम बनने के बाद भी आपका वैसा ही ह्यूमर है? आपकी छवि बेहद स्ट्रिक्ट नजर आती है।
मोदी: मेरी यह छवि गलत तरीके से पेश की गई है। ऑफिस जाता हूं, तो खुद काम करता हूं तो दूसरों को भी लगता है कि ये करते हैं तो हमें भी करना चाहिए। कई बार रात 11 बजे फोन करके पूछता हूं कि फलां काम हुआ कि नहीं। मैं काम के वक्त काम करता हूं। इधर-उधर की बात में वक्त बर्बाद नहीं करता। मेरी मीटिंग में कोई मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता। मेरा फोन भी नहीं आता। जहां तक ह्यूमर का सवाल है। मेरे परिवार में पिताजी कभी नाराज हों तो मैं एक-दो मिनट में ही माहौल को हल्का कर देता था।
अक्षय: विपक्ष के नेताओं के साथ कैसे रिश्ते हैं?
मोदी: विपक्ष के नेताओं के साथ मेरे रिश्ते अच्छे रहे हैं. जब मैं सीएम भी नहीं था, किसी काम से मैं संसद में गया था. गुलाम नबी आजाद और मैं गप्पे मार रहे थे. मीडिया वालों ने पूछा आप आरएसएस वाले हो, गुलाम नबी से आपकी दोस्ती कैसे है. इस पर गुलाम नबी ने बहुत अच्छा जवाब दिया कि बाहर जो आप देखते हो ऐसा नहीं है. एक परिवार के रूप में जैसे सभी दलों के नेता जुड़े हुए हैं, उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते’.
ममता दीदी साल में कम से कम एक बार मुझे खुद पसंद करके कुर्ते और बंगाली मिठाई भेजती है
अक्षय: रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे?
मोदी: इस सवाल पर पीएम मोदी (Narendra Modi) बोले , हम लोगों की एक इनर सर्कल की मीटिंग थी. अटल जी, आडवाणी जी, राजमाता सिंधिया जी, प्रमोद महाजन जी थे. उसमें सबसे छोटी आयु का मैं था. उसमें ऐसे ही बात छिड़ी कि रिटारटमेंट के बाद क्या करेंगे. मुझे पूछा तो मैंने कहा, मेरे लिए तो बहुत कठिन है. मुझे जो जिम्मेवारी मिलती है, मैं वही करता जाता हूं. मेरे जीवन का पल-पल और शरीर का कण-कण किसी ने किसी मिशन में ही लगा रहने वाला है। इसके सिवाय कोई कौशल ही नहीं है मेरे पास ।