गुप्त नवरात्र 5 फरवरी से, क्या है महिलाओं के लिए खास, पढ़े खबर

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इस वर्ष 5 फरवरी से पहली गुप्त नवरात्र माघ माह में शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से शुरू हो जाएंगे। इस दौरान 14 फरवरी तक घरों और मंदिरों में मां भगवती की अराधना के लिए अनुष्ठान मिलेंगे। इससे पूर्व 4 फरवरी को साल की पहली सोमवती अमावस्या पड़ रही। ज्योतिषियों के अनुसार माघ मास में सोमवती अमावस्या का आना और स्नान दान बहुत लाभदायक रहता है।आने वाली 5 फरवरी से देवी की आराधना के गुप्त नवरात्र शुरू हो जाएंगे।

देवी दुर्गा को अपनी पूजा, अर्चना से प्रसन्न करने के लिए वर्ष के सबसे पवित्र और सिद्ध दिन नवरात्रि के माने गए हैं। इन नौ दिनों में माता अपने भक्तों और साधकों पर पूर्ण कृपा बरसाने को आतुर रहती है। जो लोग जीवन में धन, मान, सुख, संपत्ति, वैभव और सांसारिक सुखों को पाना चाहते हैं, उन्हें नवरात्रि में देवी के सिद्ध दिनों में साधना जरूर करना चाहिए।

गृहस्थों के लिए खास…

गृहस्थ साधक जो सांसारिक वस्तुएं, भोग-विलास के साधन, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन पाना की चाहत रखते हैं उन्हें इन नौ दिनों में दुर्गासप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए। यदि इतना समय न मिल सके तो सप्तश्लोकी दुर्गा का प्रतिदिन पाठ करें। देवी को प्रसन्न करने के लिए और साधना की पूर्णता के लिए नौ दिनों में लोभ, क्रोध, मोह, काम-वासना से दूर रहते हुए केवल देवी का ही ध्यान करना चाहिए। कन्याओं को भोजन कराएं, उन्हें दान-दक्षिणा, वस्त्र भेंट करें।

देवी के सिद्घ मंत्र-

1- आरोग्य एवं सौभाग्य के लिए इस मंत्र का रोज 108 बार जप करें-

देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥

2- सर्व बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए इस मंत्र का रोज 108 बार जप करें-
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय ॥

3- गुणवान पत्नी की प्राप्ति के ‍‍‍लिए इस मंत्र का रोज 108 बार जप करें-

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्ग संसारसागस्य कुलोद्‍भवाम् ।।

4- दरिद्रता नाश के लिए इस मंत्र का रोज 108 बार जप करें-
दुर्गेस्मृता हरसि भतिमशेशजन्तो: स्वस्थैं: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दरिद्रयदुखभयहारिणी कात्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ।।

5- ऐश्वर्य प्राप्ति एवं भय मुक्ति के लिए इस मंत्र का रोज 108 बार जप करें-

ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः ।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै ॥

6- सभी विपत्तियों के नाश के लिए इस मंत्र का रोज 108 बार जप करें-
शरणागतर्दिनार्त परित्राण पारायणे ।
सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽतुते ॥

7- शत्रु नाश के लिए इस मंत्र का रोज 108 बार जप करें-

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्‍टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वाम् कीलय बुद्धिम्विनाशाय ह्रीं ॐ स्वाहा ।।

8- स्वप्न में कार्य-सिद्धि के लिए इस मंत्र का रोज 108 बार जप करें-
दुर्गे देवी नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके ।
मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय ।।

9- सर्वविघ्नों के नाश के लिए इस मंत्र का रोज 108 बार जप करें-                                                      सर्वबाधा प्रशमनं त्रेलोक्यस्यखिलेशवरी ।              एवमेय त्वया कार्य मस्माद्वैरि विनाशनम्‌ ॥