Independence Day 2022: आजादी के बाद पहली बार इतिहास बनाने वाली भारतीय महिलायें…

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Independence Day 2022
Independence Day 2022 आजादी के बाद पहली बार इतिहास बनाने वाली भारतीय महिलायें...

Independence Day 2022: भारत को 15 अगस्त 1947 में अंग्रेजी हुकूमत से आजादी तो मिल गई थी, भारत की आजादी में महिला और पुरुष दोनों ने कंधे से कंधा मिलाकर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। महिलायें आज के समय भी हर क्षेत्र में नए नए कीर्तिमान गढ़ रही हैं। महिलायें शुरू से ही अपने हक और अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं, यह संघर्ष आज भी जारी है। महिलायें सदियों से अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रही हैं। देश को आजाद हुए 75 साल हो गए लेकिन महिलायें उसके बाद भी अपनी आजादी के लड़ाई लड़ती रही और यह लड़ाई आज भी जारी है।

Independence Day 2022: आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारत में आजादी का अमृत महोत्सव और हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा रहा है। भारत की आजादी में योगदान से लेकर आज तक महिलायें देश में अपना परचम लहरा रही हैं। आज हम उन महिलाओ के बारे में जानेंगे जिन्होंने आजादी के बाद, पहली बार इतिहास रचा है।

आनंदीबाई गोपालराव जोशी – अमेरिका की धरती पर जाने वाली प्रथम भारतीय महिला Anandibai Gopalrao Joshi – First Indian woman to visit American soil

Independence Day 2022

आनंदीबाई जोशी (Anandibai Gopalrao Joshi) जिन्हें कुछ लोग आनंदी गोपाल जोशी (Anandibai Gopalrao Joshi) के नाम से भी जानतें है, भारत की प्रथम महिला डॉक्टर है. इनकी जन्म तारीख 31 मार्च 1865 है. उस समय जब महिलाओं का प्रारंभिक शिक्षा पाना ही मुश्किल था, ऐसे समय आनंदी बाई का डॉक्टर की पढाई करना एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि थी. ये प्रथम भारतीय महिला थी जिन्होंने अपने ग्रेजुएशन के बाद यूनाइटेड स्टेट से 2 साल की मेडिकल में डिग्री हासिल की थी. इसी के साथ आनंदीबाई अमेरिका की धरती पर जाने वाली प्रथम भारतीय महिला भी थी.

अरुणिमा सिन्हा – एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने वाली पहली भारतीय दिव्यांग Arunima Sinha – First Indian handicap to climb Everest summit

लाखों की धोखाधड़ी के एक मामले में अदालत ने पद्मश्री अरुणिमा सिन्हा (Arunima Sinha) व उनके पति गौरव सि‍ंह मसन्द के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। पूर्व वालीबाल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा (Arunima Sinha) एवरेस्ट शिखर पर चढऩे वाली पहली भारतीय दिव्यांग है। वर्ष 2015 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था। एसीजेएम कृष्ण मोहन पांडेय ने यह आदेश ओम प्रकाश तिवारी की अर्जी पर संज्ञान लेते हुए दिया है। उन्होंने इस मामले में आइसीआइसीआइ बैंक की शाखा गौरी के कर्मचारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश थानाध्यक्ष सरोजनीनगर को दिया है।

रीता फारिया पॉवेल – अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता में पहचान दिलाई Rita Faria Powell – recognized in the international beauty pageant

रीता फारिया (Rita Faria Powell) अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता में भारत को पहली बार पहचान दिलाने वाली महिला है। रीता फारिया का मिस वर्ल्ड बनना देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली है भारतीय और एशियाई मूल की पहली महिला है। उन्होंने चिकित्सा शास्त्र में भी विशेषज्ञता हासिल की है। रीता फारिया (Rita Faria Powell) का जन्म 1945 में मुंबई में हुआ था औरउनके जन्म के कुछ दिनों बाद ही उनका परिवार गोवा शिफ्ट हो गया था। रीता (Rita Faria Powell) के पिता का नाम जोन और मां का नाम एंटोइनेट था। उनके पिता मिनरल वाटर की फैक्ट्री में काम करते थे और उनकी माता मरीन लाइन में सेलून में काम करती थी।

आरती गुप्ता साहा – प्रसिद्ध तैराक Aarti Gupta Saha – Famous swimmer

आरती साहा (Arati Saha) एक मजबूत हौसलों वाली महिला हैं। उन्हें ‘हिंदुस्तानी जलपरी’ भी कहा जाता है। उनका पूरा नाम आरती साहा गुप्ता (Aarti Saha Gupta) था। उन्होंने महज 4 साल की उम्र से ही तैराकी शुरू कर दी थी। 29 सितंबर 1959 में इंग्लिश चैनल (English Channel) को पार करके आरती गुप्ता (Arati Gupta) ने पहली एशियाई महिला के तौर पर अपना नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज कराया था। भारत के प्रसिद्ध तैराक मिहिर सेन (Mihir Sen) से प्रेरित होकर उन्होंने इंग्लिश चैनल पार की।

5.सरला ठकराल – भारत की पहली महिला पायलट Sarla Thakral – India’s first woman pilot

सरला ठकराल (Sarla Thakral) का जन्‍म 8 अगस्‍त 1914 को दिल्ली के एक नामी परिवार में हुआ था। सरला की शादी महज 16 साल की उम्र में पायलट पी डी शर्मा के साथ हो गई थी। सरला को लोग प्यार से मति कहते थे। सरला (Sarla Thakral) की शादी जिस परिवार में हुई थी उस परिवार में 9 सदस्य थे और सभी पायलट थे। शादी के बाद पी डी शर्मा ने सरला (Sarla Thakral) में उड़ान भरने और विमानों के बारे में जानने की जिज्ञासा देखी। जिसके कारण उन्‍होंने सरला (Sarla Thakral) को एक पायलट बनने के लिए कहा। शुरुआत में तो समाज के डर से सरला (Sarla Thakral) ने कई बार मना किया, पर आखिर में उनके पति ने उन्हें मना ही लिया। इतना ही नहीं सरला (Sarla Thakral) के परिवार में बाकी सब भी खुश थे कि वो पायलट बनने के लिए तैयार हैं।

फ्लाइंग टेस्ट पास करने के बाद सरला (Sarla Thakral) अंदर से पायलट बनने के लिए तैयार हो चुकी थीं। सरला को अपना पहला ‘A’ लाइसेंस हासिल करने के लिए करीब 1000 घंटे तक प्लेन उड़ाने का अनुभव करना था। वह उस समय महज 21 साल की ही थीं, जब उन्होंने ये कारनामा करके दिखाया और ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला बनीं। भारत की पहली महिला पायलट सरला ठकराल (Sarla Thakral) ने अपनी पहली सोलो फ्लाइट साड़ी पहनकर उड़ाई थी।

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पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए बहुत बहुत सुक्रिया हम आशा करते है कि आज के आर्टिकल Independence Day 2022 से जरूर कुछ सीखने को मिला होगा, अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे शेयर करना ना भूले और ऐसे ही अपना प्यार और सपोर्ट बनाये रखे THEHALFWORLD वेबसाइट के साथ चलिए मिलते है नेक्स्ट आर्टिकल में तब तक के लिए अलविदा, धन्यवाद !