देश की आजादी के 70 साल बाद भी समाज में ऐसे कई वर्ग है जो शिक्षा से वंचित है परन्तु ऐसे ही समाज से तालुक रखने वाली एक लड़की ने मिशाल कायम की है और 12 वीं के बाद अब कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन किया है। यह लड़की घुमंतु (nomad) गाड़िया लुहार समाज की है।
इस छात्रा का नाम चंदन है और इसने नैनवां काॅलेज के प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए आवेदन भी कर दिया है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट की माने तो इस छात्रा ने अपनी शिक्षा को जारी रखने व भविष्य में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा जाहिर की है।
चंदन का परिवार निर्धन है तथा अपने पति प्रधान, सास ससुर के साथ सोमवार को नैनवां काॅलेज पहुंची, जहां प्रथम वर्ष कला संकाय में प्रवेश लेने के लिए अपना आवेदन जमा कराया। चंदन की पढ़ने की ललक देखकर नगर पालिका चेयरमैन मधुकंवर काॅलेज पहुंची, जहां उसका माला पहनाकर स्वागत किया। साथ ही उसकी पढ़ाई पर होने वाला पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी भी ली।
माना जा रहा है कि काॅलेज में गाड़िया लुहार परिवार से प्रवेश लेने वाली चंदन बूंदी ही नहीं, संभवत: प्रदेश की पहली छात्रा हैं। चंदन में बचपन से ही पढ़ाई के प्रति लगन थी। उन्होंने पहले अपने पीहर में पढ़ाई पूरी की। शादी होने के बाद ससुराल में भी पढ़ाई जारी रखी। तथा ससुराल वालों ने भी उसका साथ दिया।
रिपोर्ट के अनुसार चन्दन सरकारी स्कूल में पढ़कर 12वीं कक्षा में 73.20 प्रतिशत अंक लाई। उसने बताया कि गेंडोलीखुर्द में रहते हुए पिता ने मजदूरी कर गेंडोली सरकारी स्कूल में 5वीं तक पढ़ाई करवाई। इसके बाद उसने लाखेरी सरकारी स्कूल से 8वीं पास की। केशवरायपाटन सरकारी स्कूल में 9 वीं से 12वीं तक पढ़ी। उसके बाद उसका विवाह करवर में प्रधान से हो गया। ससुराल में आने के बाद पति, ससुर, सास के समक्ष आगे पढ़ाई करने की इच्छा जताई। बहू चंदन की रुचि को देख पति व ससुराल पक्ष ने उसे आगे पढ़ाने का फैसला लिया।
शिक्षिका बनने की इच्छा
छात्रा चंदन ने बताया कि “हमारा समाज घुमंतु (nomad) होने से मेहनत मजदूरी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना लगा रहता है। इसके कारण हमारा समाज शिक्षा से काफी पिछड़ा हुआ है। बच्चे स्कूल तो जाते हैं, लेकिन घुमंतु परिवारों में ज्यादा नहीं पढ़ पाते। चंदन की इच्छा है कि वह आगे शिक्षिका बनकर समाज को शिक्षित करने का काम करेंगी।”
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