पंचायत ने छेड़छाड़ का विरोध करने वाली लड़की का आधा सिर मुंडवा दिया

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भारतीय लोकतंत्र में पंचायतों के फरमानो का सिलसिला आज भी थमने का नाम नहीं ले रहा है, छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के वनांचल ग्राम सेंदूरखार में एक नाबालिग बैगा लड़की पर पंचायत का कहर टूट पड़ा और पंचायत ने इस लड़की का अर्धमुंडन कराने का आदेश दे दिया।
पंचायत ने ये फरमान इसलिए सुनाया की नाबालिग लड़की के साथ गांव के ही एक युवक ने शराब के नशे में छेड़छाड़ की थी और परिवार ने इसका विरोध कर मामले को पंचायत के समक्ष रखा गया और पंचायतों को तो अजीब तरह की सजा सुनाने की आदत है और हुआ भी ऐसा ही पंचायत ने छेड़छाड़ के आरोपी युवक को सजा देने के बजाय पीड़ित लड़की को ही सजा सुना दी गई और सजा भी ऐसी की लड़की और परिवार की इज्जत से खिलवाड़ हो।
पंचायत ने पीड़िता का विरोध करने वाली लड़की का आधा सिर मुंडवाने की सजा सुनाईलड़की का सिर आधा मुंडवाने की सजा सुनाई। लड़की का पिता इसके विरोध में था मगर समाज के डर से उसने अपनी ही लड़की का आधा सिर मुंडवा दिया इसके बाद भी पंचायत का जुर्म ढहाने का सिलसिला रुका नहीं और पीड़ित परिवार पर पांच हजार रुपये के जुर्माने के साथ शराब व मुर्गे की दावत भी ली गई।
गांव के सरपंच ने भी इस घटना में लड़की की बजाय लड़के का ही साथ दिया और सर मुंडवाने की घटना से इंकार कर दिया। मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया है और संबंधित थाना प्रभारी को गांव भेजकर रिपोर्ट तलब की गई है। पीड़ित लड़की की मां ने बताया कि एक शराबी की घटिया हरकत की सजा उसकी बेटी को भुगतनी पड़ी है। इस मामले से साफ हो गया की पुरषवादी समाज में आज भी लड़कियां सुरक्षित नहीं है और समाज की गन्दी मानसिकता का भुगतान लड़कियों को करना पड़ता है। आखिर लड़कियों को किसी और की करतूत की सजा क्यों मिलती है ?