महिला के साथ करवाया 3 बार पति व 2 बार देवर से निकाह, बहनोई से जबरन हलाला…

महिला के साथ करवाया 3 बार पति व 2 बार देवर से निकाह, बहनोई से जबरन हलाला...

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हलाला
महिला के साथ करवाया 3 बार पति व 2 बार देवर से निकाह, बहनोई से जबरन हलाला...

उतरा प्रदेश के रायबरेली जिले के मिले थाना क्षेत्र बेहद गंभीर मामला सामने आया है, गांव की एक मुस्लिम महिला ने अपने पति पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि उसके पति ने उसे तीन बार ट्रिपल तलाक दिया और दो बार उसका हलाला कराया। तीसरी बार हलाला के लिए दबाव बनाने पर पीड़िता ने कानून का दरवाजा खटखटाया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तीन तलाक कानून चारदीवारी (परदे) के अंदर फेल हो रहा है?

क्या है मामला?

दैनिक भास्कर कि रिपोर्ट के अनुसार मामला रायबरेली थाना मिल क्षेत्र के एक गांव का है। पीड़िता के कहे अनुसार उसका निकाह 7 अप्रैल, 2015 को टेकारी डांडू गांव के मोहम्मद आरिफ के साथ हुआ था। निकाह के कुछ दिनों बाद ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। ससुराल वालों के उकसाने पर पति ने तलाक दे दिया, जब महिला ने पुलिस में शिकायत करनी चाही तो घरवालों ने समझा-बुझाकर 21 अक्टूबर, 2016 को देवर जाहिद से निकाह करा दिया। जाहिद के तलाक देने के बाद 23 मार्च, 2017 को दोबारा उसका निकाह आरिफ से करवा दिया गया।

कुछ दिनों बाद उसके पति ने फिर तलाक दे दिया, तलाक के बाद ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। फिर जाहिद के तलाक देने के बाद 21 फरवरी, 2021 को आरिफ निकाह हुआ जो कि तीसरी बार हुआ था. एक साल बीतते ही 1 मार्च, 2022 को आरिफ ने तीसरी बार तलाक दे दिया, महिला पर अपने बहनोई के साथ हलाला कराने के लिए दबाव बनाया। इसके बाद महिला के सब्र का बांध टूट गया। वह अपने मायके चली गई, जहां से 3 अप्रैल, 2022 को पति और देवर समेत 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया, तब पीड़िता ने केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग में न्याय की गुहार लगाई है। हालांकि, मामले में अभी भी आरोपियों में किसी के गिरफ्तारी नहीं हुई।

क्या है हलाला और क्यों किया जाता है

मुस्लिम अलीगढ़ यूनिवर्सिटी (एएमयू) के प्रॉक्टर और इस्लाम के जानकार प्रो. मोहम्मद वसीम अली कहते हैं कि तीन तलाक कानून के तहत यह डिवोर्स लीगल नहीं है, लेकिन शरीयत में हनफी स्कूल के तहत यह तलाक जायज है। हनफी के तहत अगर किसी पुरुष ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया और वह उससे फिर से निकाह करना चाहता है तो उसे हलाला कराना होता है। हलाला यानी महिला का किसी दूसरे पुरुष से निकाह होने के बाद तलाक होता है और फिर तीन महीने की इद्दत पूरी करने के बाद वह अपने पहले शौहर से निकाह कर सकती है। हालांकि, इसमें कितना वक्त लगेगा यह दूसरे व्यक्ति की मर्जी पर निर्भर करता है कि वह कब तलाक देगा, उस पर तलाक के लिए दबाव बनाना गलत है।