Jharkhand Women Company: झारखंड के हजारीबाग में किसानों की मदद के लिए एक कंपनी की स्थापना की गई, जिसका नाम रखा गया चुरचू नारी उर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड. और इस कंपनी की खास बात यह है की इस कंपनी की सभी बोर्ड सदस्य महिलाएं हैं. महिलाएं ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं. इन लोगों ने सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को एकजुट किया और कंपनी बनाई और उनसे खेती करवाकर उनके उत्पाद को बाजार में बेचा. आज इस कंपनी की 2500 से अधिक अंक धारक हैं, जिसका 18 लाख रुपया अंश पूंजी है और 7000 से अधिक महिला किसान इस कंपनी में शामिल है. आपको यह जानकर हैरानी जरूर होंगी कि महिलाओं की इस कंपनी ने एक साल में ढाई करोड़ रुपये की सब्जी की बिक्री कर दी.
रचा इतिहास –
अगर बात करे किसान सदस्य की तो आज इस कंपनी के 7000 से अधिक महिला किसान सदस्य हैं. जिनमें लगभग 2500 महिला अंश धारक हैं .यही नहीं, 18 लाख रुपया इनका अंश पूंजी है. इस वित्तीय वर्ष में इन्होंने दो करोड़ 75 लाख रुपए की कृषि उत्पाद बेचकर इतिहास रच दिया. इन महिलाओं को अपने इस कार्य का इनाम भी मिला. देशभर में बेहतरीन काम करने को लेकर दिल्ली में 17 दिसंबर को लाइवलीहुड सम्मिट एफपीओ इंपैक्ट अवॉर्ड 2021 से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का आयोजन रोबो बैंक, नाबार्ड, नीति आयोग के सहयोग से किया गया. जिसमें देशभर के छोटे-बड़े 450 एपीओ ने हिस्सा लिया था.
सब्जियों का व्यापार करने में पहला स्थान –
Women Company ने पूरे देशभर में सबसे अधिक सब्जियों का व्यापार करने में पहला स्थान बनाया है. चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन 6 जून 2018 में हुआ. हजारीबाग के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र चूरचू मे झारखंड का एकमात्र महिलाओं के द्वारा चलाया जाने वाला FPO कार्यरत है. इस कंपनी का एकमात्र उद्देश्य महिलाओं, किसानों को एकजुट कर उनके जीवन स्तर को ऊंचा करना है. शुरुआती दौर में कई समस्याओं का इन्हें सामना करना पड़ा. लेकिन कुछ महिलाओं के द्वारा शुरू किया गया यह प्रयास धीरे धीरे रंग लाया. और वो सफल हुई.
महिलाओं द्वारा रचा गया इतिहास –
कंपनी की चेयरमैन सुमित्रा देवी ने लघु श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल किया है. सुमित्रा देवी का कहना है कि यह हमारा प्रयास नहीं, 7000 महिला किसानों की मेहनत का रंग है जो आज पूरे देश भर में दिख रहा है, हम लोगों का उद्देश्य हैं महिलाओं को एकजुट करना और उनसे खेती संबंधि काम करवाना. मैट्रिक पास सुमित्रा देवी खुद भी मेहनत किया. कंप्यूटर से लेकर लेखा-जोखा तक की जानकारी ली. तभी तो यह महिला का पताका दिल्ली में लहराया. कंपनी से जुटी महिला का कहना है कि पहले हम लोगों को काफी समस्या होता था. हम लोग सामान कहां बेचे कैसे उसका उत्पादन कैसे करें. लेकिन इस कंपनी ने हमारी सारी समस्याओं का अंत किया है. अब हमारे खेत से ही सारा सामान बिक जाता है. बीज और खाद भी हमें बाजार से सस्ते दाम पर मिल जाते हैं.
दिल्ली मे सम्मानित किया –
महिलाओं को यह राह दिखाने में सपोर्ट किया है सिनी टाटा ट्रस्ट और जेएसपीएल ने. कंपनी का चरही चौक पर कार्यालय भी है. जहां से पूरा कंपनी चलती है. कंपनी के सीईओ भी कहते हैं कि हम लोग इनकी भरपूर मदद कर रहे हैं, जिसका प्रतिफल भी अब हम लोगों को मिलना शुरू हो गया है. हमारे कार्यालय में चमचमाते सर्टिफिकेट इन महिलाओं के अथक प्रयास से ही संभव हो पाया है. हजारीबाग बाजार समिति के माध्यम से इनाम के जरिए लगभग 65 लाख का कारोबार किया है. जिसमें 50 का डिजिटल पेमेंट भी प्राप्त हुआ है. ऐसे में बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार भी कहते हैं कि यह एफपीओ नारी सशक्तीकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है. महिलाएं का प्रयास अब रंग ला रहा है. दिल्ली मे भी सम्मानित किया जा रहा है.