2021 के साथ बस यादों में जिन्दा मधुलिका, ‘दादी सा’ व फारुख जफर सहित 7 चर्चित चेहरे…

2021 के साथ बस यादों में जिन्दा मधुलिका, 'दादी सा' व फारुख जफर सहित 7 चर्चित चेहरे...

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विदाई
2021 के साथ बस यादों में जिन्दा यह चेहरे, मधुलिका, 'दादी सा' व फारुख जफर सहित 7 चर्चित चेहरे...

साल 2021 में कई पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नए रिकॉर्ड बने कई लोगों ने अपनी मंजिल हाँसिल की कई ने अपने साथ देश का नाम रोशन किया. साल 2021 की विदाई के साथ ही हमने देश के कुछ महान लोगों को भी न चाहते हुए विदा किये जनको हम अपनी यादों में हमेशा जिन्दा रखने वाले है, भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार चलिए आज हम कुछ जानी-मानी महिला हस्तियों के बारे में बात करते है जिन्होंने 2021 में इस दुनिया को अलविदा कहा –

मधुलिका रावत

1 मधुलिका का शादी से लेकर स्वर्ग तक का सफर रहा पति के साथ –
8 दिसंबर, 2021 को देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 की एक हेलिकॉप्टर हादसे में जान चली गई।आपको बता दे कि बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत मध्य प्रदेश के शहडोल से ताल्लुक रखती थीं। मधुलिका रावत रियासतदार कुंवर मृगेंद्र सिंह की बेटी है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन किया, वह कई तरह का सोशल वर्क करती रहती थी। मधुलिका परिवार संभालने के साथ-साथ आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी रहीं। मधुलिका आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी रहीं। उन्होंने अपने परिवार को सँभालते हुए शहीदों की पत्नियों के जीवनयापन, विकास के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करती रहती थीं।

सुरेखा सीकरी

2- सुरेखा सीकरी (‘दादी सा’) नहीं दिखेगी TV पर –
अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का 16 जुलाई, 2021 को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। आपको बता दे कि सुरेखा सीकरी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता थी, सुरेखा का यह अवार्ड फिल्म बधाई हो में दादी के किरदार के लिए मिला था, जिसमें उन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग और जबरदस्त डायलॉग से सबका मन मोह लिया था। साल 1978 में पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली सुरेखा बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए तीन बार नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी थीं। उन्होंने तमस, मम्मो, सलीम लंगड़े पे मत रो और जुबेदा समेत करीब 40 फिल्में की। इसके अलावा बालिका वधू समेत कई सीरियल में भी काम किया। बालिका वधू में उनके किरदार ‘दादी सा’ को काफी लोकप्रियता मिली।

फारुख जफर

3 – नहीं रही बेगम..फारुख जफर –
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की सीनियर एक्ट्रेस फारुख जफर का 88 साल की उम्र में 15 अक्टूबर को निधन हो गया। साल 1933 जौनपुर के जमींदार परिवार में जन्मीं फारुख जफर की शादी एक पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी सैयद मोहम्मद जफर से हुई थी। पति ने आगे पढ़ाई करने, थिएटर और फिल्मों का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। फारुख जफर ने लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और ऑल इंडिया रेडियो में नौकरी की थी। फारुख जफर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1981 में आई फिल्म उमराव जान से की थी। इसके उन्होंने स्वदेश, पीपली लाइव, चक्रव्यूह, सुल्तान, तनु वेड्स मनु और अम्मा की बोली में एक्टिंग की। हाल ही में अमिताभ बच्चन के साथ गुलाबो सिताबो फिल्म में नजर आईं थीं।

शशिकला

4 – खलनायिका का किरदार निभानी वाली शशिकला का निधन –
बॉलीवुड में नायिका के साथ-साथ खलनायिका का किरदार निभाकर लोगों का दिल जीतने वाली शशिकला अब हमारे बीच नहीं रहीं। 4 अप्रैल, 2021 को 88 साल की उम्र में शशिकला ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। शशिकला हिंदी सिनेमा की मशहूर अदाकारा थीं, जिन्होंने 70-80 के दशक में अपने अभिनय से हर किसी का मन मोह लिया था। वे फिल्मों के साथ ही निजी जिंदगी के लिए भी चर्चा में रहीं थी।

मन्नू भंडारी

5 – मन्नू भंडारी ‘आपका बंटी’ की लेखिका –
मशहूर लेखिका मन्नू (महेंद्र कुमारी) भंडारी का 15 नवंबर, 2021 को 90 की उम्र में निधन हो गया। रजनीगंधा, निर्मला, स्वामी और दर्पण फिल्मों की पटकथा लिखने वाली मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुआ था। उन्हें देश-विदेश में ख्याति ‘महाभोज’ व ‘आपका बंटी’ कहानी से मिली थी। मन्नू भंडारी को 2008 के उपाधिन्यास से सम्मानित किया गया। वे 1992 से 1994 तक विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन की प्रेमचंद सृजन पीठ की डायरेक्टर रही थीं। उनके पिता सुखसंपतराय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता भी थे।

कमला भसीन

6 – खामोश हुई महिलाओं के हक़ की आवाज –
कमला भसीन का 75 वर्ष की उम्र में 25 सितंबर, 2021 को निधन हो गया। कमला भसीन एक प्रख्यात महिला अधिकार कार्यकर्ता और लेखिका थी, भसीन भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिला आंदोलन की एक प्रमुख आवाज रहीं। कमला भसीन के निधन से महिलाओं, आदिवासियों और ट्रांसजेंडर के हकों के लिए चल रहे आंदोलन का रहनुमा चला गया है। 24 अप्रैल, 1946 को पाकिस्तान में जन्मीं कमला भसीन का पालन पोषण राजस्थान में हुआ था। कमला भसीन एलीट नारीवादियों और लेखिकाओं से अलग थीं।

डॉ. इंदिरा हृदयेश

7 – नहीं रही आयरन लेडी डॉ. इंदिरा हृदयेश –
शुमार और कुमाऊं की आयरन लेडी के रूप में पहचान रखने वाली डॉ. इंदिरा हृदयेश का 13 जून को निधन हो गया कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. इंदिरा पार्टी की अहम बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली आईं थीं। यहां उत्तराखंड सदन में दिल का दौरा पड़ने से डॉ. इंदिरा हृदयेश निधन हो गया। उत्तराखंड में विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश की उम्र 80 साल थी। उन्होंने साल 1962 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत उत्तर प्रदेश से की थी। वह 3 बार विधायक और 4 विधान परिषद की सदस्य चुनी गईं।