15 वर्षीय भारतीय मूल की लड़की अपने 9 वर्षीय भाई के साथ कोरोना (Corona) संकटकाल में बनी प्रेरणा

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कोरोना (Corona)
pic credit-bhaskar.com

यह समय ऐसा है कि सभी कोरोना (Corona) से डरे हुए है परन्तु दो ऐसे भारतीय बहन भाई है जो विदेश में रहकर बुजुर्गों के लिए प्रेरणा बन रहे है और इन दोनों कि उम्र भी मात्र 15 और 7 वर्ष है। यह सब हो रहा है पेन्सिल्वेनिया में।

हमें अच्छे से पता है कि इसका दुष्प्रभाव सभी उम्र के लोगों में हो रहा है परन्तु बुजुर्गों में ज्यादा खतरा देखा गया है। इसे देखते हुए पेन्सिल्वेनिया में रहने वाले भारतीय मूल के भाई-बहन वहां के बुजुर्गों को कोरोना (Corona) से लड़ने के लिए भावनात्मक रूप से मजबूत कर रहे हैं। ये बुजुर्गों को नोटपैड, आर्ट, स्कैच बुक, कलर पेन्सिल और सुडाेकू जैसी चीजें देते हैं, ताकि वे अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकें। बुजुर्ग लिखकर या स्कैच बनाकर मन का बोझ कम कर लेते हैं। इससे वे कोरोना के खिलाफ भी खुद को मजबूत बना पा रहे हैं। और इस काम के लिए ये बच्चे खुद ही फंड जुटाते हैं।

हजारों बच्चे मुहीम से जुड़े
दैनिक भास्कर कि एक रिपोर्ट के अनुसार हिता गुप्ता (15 साल) हाईस्कूल और इनका भाई दिवित गुप्ता (9 साल) चौथी कक्षा में हैं। लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं, इस समय का इस्तेमाल वे बुजुर्गों के लिए काम करके कर रहे हैं। हिता ‘ब्राइटन अ डे’ नाम से एनजीओ भी चलाती हैं। इस मुहिम से करीब 2700 बच्चे जुड़ चुके हैं, वहीं 50 नर्सिंग होम के बुजुर्गों तक इसकी पहुंच है।

बुजुर्गों ही कर रहे है प्रचार
अमेरिका में बड़ी संख्या में बुजुर्ग अकेले या नर्सिंग होम में रहते हैं। कोरोना के कारण इनके मन में नकारात्मकता जल्दी घर करने लगी है। उन्हें इससे उबारने के लिए कुछ बुर्जुर्गों को नोटपैड और कलर पेंसिल दी गईं। शुरुआत में तो उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन धीरे-धीरे ये लोग रंगों और स्केच के जरिए अपने मन की बात व्यक्त करने लगे। इस कोशिश को बुजुर्ग इतना पसंद करेंगे इसका अंदाजा किसी को नहीं था। वे पहले से ज्यादा सकारात्मक महसूस कर रहे हैं। उन्हें यह पहल इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने प्रचार भी करना शुरू कर दिया है।

खुद बुजुर्ग अब बच्चों को फोन करके यह सामान मंगवाते हैं
अब मन जा रहा है कि दो महीने से चल रही इस पहल से 50 नर्सिंग होम के एक हजार से ज्यादा बुजुर्ग जुड़ चुके हैं, अब वे बच्चों से संपर्क कर यह सामान खुद मंगवाते हैं। अमेरिका में बुजुर्गों के लिए खासतौर पर नर्सिंग होम हैं। कोरोना के कारण इन नर्सिंग होम्स को स्थानीय प्रशासन ने आइसोलेट कर दिया है।

15 वर्षीय लड़की और उसके 9 वर्षीय भाई कि हर कोई सराहना कर रहा है तथा इस संकट कि घडी में उनसे प्रेरणा भी ले रहे है।