9 साल की बच्ची से दुष्कर्म (Rape), 9 दिन में अपराधी को सजा, POCSO Court का fast track फैसला…

चाकसू, जयपुर. 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म (Rap), 9 दिन में अपराधी को सजा, पॉक्सो कोर्ट का फास्ट ट्रैक फेशला...

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POCSO Court
Criminal Kamlesh meena

जयपुर, की अदालत (POCSO Court) ने दुष्कर्म (Rape) के एक मामले में 9 दिन में अपराधी को सजा सुनाकर मिसाल कायम की है। जयपुर के कोटखावदा इलाके में 26 सितंबर को 9 साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया गया था। पुलिस ने महज 13 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर, अगले 6 घंटे में आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया। लगातार 7-7 घंटे के स्लॉट में 4 दिन तक 28 घंटे की सुनवाई हुई और कोर्ट ने बहुत ही कम समय में फैसला सुना दिया।

दुष्कर्म (Rape) पीड़ित बच्ची का जयपुरिया अस्पताल में इलाज चल रहा है, इलाज के चलती बच्ची कोर्ट नहीं जा सकी तो कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही बयान दर्ज किए। 5 दिन की कारवाही के बाद 5 अक्टूबर को शाम 4 बजे आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास और 2 लाख रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई गई।

फास्ट ट्रैक फैसला –
आपको बता दे कि यह देश का पहला ऐसा मामला है, जिसमें मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद आरोपी को महज चार दिनों तक ट्रायल के बाद पांचवे दिन ही सजा सुना दी गई. इस मामले को सुलझानें और बच्ची को न्यायी दिलाने में अहम् भूमिका जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में दक्षिण जिले के 150 पुलिसकर्मी, पॉक्सो न्यायालय (POCSO Court), विशेष लोक अभियोजक, एफएसएल टीम, डॉक्टर और जांच एजेंसियों की रही।

मुजरिम बच्ची को अकेले देख ले गया सुनसान जगह –
26 सितंबर शाम 6:30 बजे, 9 साल की बच्ची अपने दादा के लिए बीड़ी लेने घर से बाहर निकली थी, बच्ची को अकेले देख उसी गांव के 25 वर्षीय कमलेश मीणा की नीयत बिगड़ गई। वह पीड़िता को बहला फुसलाकर घर से दूर सुनसान जगह ले गया जहाँ उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म (Rape) किया। बच्ची के चिल्लाने पर उसे चुप कराने की कोशिश की, जब बच्ची चुप नहीं हुई तो कमलेश मीणा ने गला दबा कर हत्या का प्रयास किया। बच्ची बेहोश हो गई। मरा समझ आरोपी भाग गया। होश में आने पर बच्ची घर पहुंची और माँ को देख कर बच्ची रोने लगी। माँ बच्ची की हालत देख कर ही समझ गई, बच्ची के कपड़ो पर खून लगा था। मां तुरंत उसे प्राथमिक चिकित्सा केंद्र ले गई। वहां से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटखावदा रेफर किया गया। रात 10:30 बजे कोटखावदा पुलिस तक मामला पहुंचा, कुछ समय के इलाज के बाद बच्ची की हालत बिगड़ने लगी और उसे जयपुर में जयपुरिया अस्पताल रेफर कर दिया।

पुलिस ने रात करीब 12 बजे उचित धाराओं में केस दर्ज किया –
कोटखावदा पुलिस ने घटना होने के बाद रात करीब 12 बजे दुष्कर्म, अपहरण और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया। पुलिस ने अपने कर्त्तव्य को समझा और बच्ची को न्याय दिलाने में अपने सामने कड़ी इस चुनौती का सामना किया। अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (क्राइम) अजयपाल लांबा और डीसीपी (साउथ) हरेंद्र महावर के सुपरविजन में आरोपी की तलाश शुरु हुई।

मामले की जाँच में चाकसू एसीपी देवीसहाय मीणा सहित चाकसू, कोटखावदा, सांगानेर सदर, शिवदासपुरा थानों का जाब्ता फरार आरोपी कमलेश मीना की तलाश व मामले की जाँच में जुट गये। और घटना के ठीक 18 घंटे यानी 27 सितंबर दोपहर 12 बजे तक पुलिस ने कमलेश को गिरफ्तार कर लिया। उसी दिन शाम 6 बजे सभी गवाह और तथ्य जुटाकर आरोपी को रविवार का दिन होने के कारण जज के घर में ही चलन के साथ पेश कर दिया। यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा मामला था जिसमें घटना के बाद 6 घंटे के अंदर ही चालान पेश किया गया हो। वारदात के 24 घंटे के अंदर-अंदर पुलिस ने अपनी ओर से पूरा काम कर डाला।
लगातार 18 घंटे तक 150 पुलिसकर्मियों की टीमों ने समानांतर रूप से अलग-अलग काम किया।

पुलिस की फुर्ती के बाद थी ये चुनौती –
पुलिस ने बड़ी फुर्ती से अपना काम किया उसके बाद कोर्ट की तारीखों को लेकर उनके सामने एक बड़ी चुनौती थी। पुलिस भविष्य में होने वाले अपराधों को लेकर उदाहरण सेट करना चाहती थी। ताकि इस तरह की वारदात दोहराई न जा सके और हर केस में पीड़ित को जल्द न्याय मिल सके। मामले में अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने 27 और 28 अगस्त को विशिष्ठ लोक अभियोजक की नियुक्ति करवाने के लिए पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को पत्र लिखा, अवकाश के दिन भी ऑफिस खुलवाकर रिपोर्ट तैयार कराई और पुलिस को सौंपी। इससे समय पर कोर्ट में पेश किया गया। पत्र का असर हुआ और जल्द ही सजा दिलवाने के लिए केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया. डीसीपी हरेंद्र महावर ने तुरंत आदेश निकाल- केस पर तुरंत जांच हो। तब तत्काल इस केस में सभी 19 गवाहों को समन जारी कर तामील करवाया गया।

29 सितंबर से 4 अक्टूबर तक 19 गवाहों को कोर्ट POCSO Court) में बुलाकर बयान दिलवाए गए। आरोप तय किया गया। 5 अक्टूबर को दिन में आरोपी कमलेश मीणा को कोर्ट में पेश किया गया. शाम करीब 4 बजे आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास और 2 लाख रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई।