President Election: आदिवासी परिवार से राष्ट्रपति पद तक द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की रोचक यात्रा

President Election: आदिवासी परिवार से राष्ट्रपति पद तक द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की रोचक यात्रा

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Draupadi Murmu
President Draupadi Murmu: सफलता की 2 किताबें जिनके सहारे, झोंपड़ी से राष्ट्रपति भवन तक का सफर...

मंगलवार शाम को भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग के बाद देश को अब पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति मिलने जा रही है. अगले राष्ट्रपति (President) पद के लिए NDA ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के नाम पर मुहर लगा दी है। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे। मुर्मू अपना नामांकन 25 जून को दाखिल कर सकती हैं।

मीटिंग के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मीटिंग में 20 नामों पर चर्चा की गई। मीटिंग में तमाम बड़े नेता की मौजूदगी में यह तय किया गया था कि इस बार राष्ट्रपति (President) कैंडिडेट के लिए पूर्वी भारत से किसी दलित महिला को चुना जाना चाहिए। इसके बाद मुर्मू के नाम को मंजूरी दी गई। इस पर प्रधानमंत्री (Prime Minister) मोदी ने उन्हें बधाई देते कहा- मुझे विश्वास है कि वे एक महान राष्ट्रपति (President) बनेंगी। वैसे आपको बता दे कि मुर्मू के लिए यह खास बात रही, क्योंकि देखा जाये तो उन्हें एक तरह से उनके जन्मदिन का उपहार मिला है, दरअशल, द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने 20 जून को ही अपना जन्मदिन मनाया था, इसके अगले दिन ही राष्ट्रपति (President) कैंडिडेट घोषित कर दिया गया। चलिए आज हम बात करते है कि आखिर कौन है द्रौपदी मुर्मू जिन्हे देश की पहली नागरिक बनाया जा रहा है.

द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ओडिशा में मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव के एक संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं। उनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू और पति का नाम श्याम चरम मुर्मू है। बता दें 20 जून 2022 को द्रौपदी मुर्मू ने अपना 64वां जन्मदिन मनाया।

जूनियर असिस्टेंट से शुरू किया था करियर

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने अपने करियर की शुरुआत जूनियर असिस्टेंट के तौर पर की. उन्होंने 1979 से 1983 तक ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग के जूनियर असिस्टेंट के तौर पर अपनी सेवाएँ दी.

1994 से लेकर 1997 तक रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में बिना वेतन लिए बतौर सहायक शिक्षक पढ़ाया था. इसके बाद 1997 में वह रायरंगपुर से पार्षद चुनी गईं. साथ ही उन्हें बीजेपी राज्य एसटी मोर्चे का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था.

द्रौपदी मुर्मू का राजनैतिक जीवन

उन्होंने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1997 में ही मुर्मू बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनी थीं। मुर्मू (Draupadi Murmu) राजनीति में आने से पहले श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी थीं।

राष्ट्रपति (President) चुनाव के लिए भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को अपना उम्मीदवार बनाया है। दिल्ली में पार्टी के मुख्यालय में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल मुर्मू, झारखंड की पहली महिला गवर्नर भी रह चुकी हैं। उन्होंने 18 मई 2015 को पद संभाला था। दो बार विधायक रह चुकी द्रौपदी (Draupadi Murmu) ने अपने करियर की शुरुआत टीचर के रूप में की। उन्होंने ओडिशा के सिंचाई विभाग में भी काम किया है। उन्हें बेस्ट विधायक के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।

बीजेपी एसटी मोर्चा की सदस्य रहीं

2013 में वह बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चे की सदस्य रहीं. 10 अप्रैल 2015 तक उन्होंने यह पद संभाला था. वह 2013 में ओडिशा के मयूरभंज की जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थी. वह 2010 में भी जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं. मुर्मू 2006 से लेकर 2009 तक ओडिशा में बीजेपी एसटी मोर्चा की अध्यक्ष रहीं. उन्हें ओडिशा विधानसभा ने 2007 सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया था.

रायरंगपुर सीट से 9 साल तक विधायक पद पर रही

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) 2000 से लेकर 2009 तक रायरंगपुर सीट से दो बार विधायक चुनी गईं. उन्हें राज्य परिवहन और वाणिज्य विभाग का मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था. 2002 लेकर 2009 तक वह बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चा की सदस्य रह चुकी थीं. इन्होंने 2002-2004 के बीच मत्स्य पालन विभाग और पशुपालन विभाग की भी जिम्मेदारी संभाली थी.

देश की पहली महिला राष्ट्रपति (President) बानी थी प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil)

प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) का नाम भारत के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Patil) किसी परिचय की मोहताज नहीं है। प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Patil) आजाद भारत के इतिहास की पहली महिला राष्ट्रपति (President) थीं। टेबल टेनिस की शानदार खिलाड़ी रह चुकीं प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) जब देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुईं, तो वह हर महिला के लिए प्रेरणा बन गईं। देश के किसी भी क्षेत्र, पद, जिम्मेदारी को महिलाएं बखूबी संभाल सकती हैं, ये प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) ने साबित किया। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली प्रतिभा पाटिल को मैक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

प्रतिभा पाटिल का जीवन परिचय

प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Patil) का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव जिले में 19 दिसंबर, 1934 को हुआ था। प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) के पिता का नाम नारायण राव था। उनके पिता भी एक राजनेता थे। प्रतिभा पाटिल की शुरुआती शिक्षा जलगांव में ही हुई। यहां उन्होंने मूलजी जैठा कॉलेज से ग्रेजुएट किया। इसके बाद पाटिल ने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दाखिला लिया और वकालत की पढ़ाई की। वह टेबल टेनिस प्लेयर रह चुकी हैं।

प्रतिभा पाटिल कैसे बनी थी राष्ट्रपति

प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) 1986 से 1988 तक राज्यसभा उपसभापति के पद पर रहीं। 1991 के चुनाव में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Patil) ने अमरावती लोकसभा सीट पर जीच दर्ज कराई। बाद में 2004 से 2007 तक राजस्थान की राज्यपाल रहीं। यूपीए ने 2007 को प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Patil) को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। उनके सामने भैरोसिंह शेखावत थे, जिन्हें प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) ने लगभग 3 लाख वोट से हरा दिया। 25 जुलाई 2007 को प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (Pratibha Patil) देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।

द्रौपदी मुर्मू के बारे में कुछ रोचक बातें

  • द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था. दंपति के दो बेटे और एक बेटी हुई. लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने पति और अपने दोनों बेटों को खो दिया.
  • मां ने नौकरी से मिलने वाले वेतन से घर खर्च चलाया और बेटी इति मुर्मू को पढ़ाया-लिखाया. बेटी ने भी कॉलेज की पढ़ाई के बाद एक बैंक में नौकरी हासिल कर ली. इति मुर्मू इन दिनों रांची में रहती हैं और उनकी शादी झारखंड के गणेश से हो चुकी है. दोनों की एक बेटी आद्याश्री है.
  • उन्होंने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया. साथ ही वह भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं.
  • द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में बीजेपी के टिकट पर दो बार विधायक बनीं.
  • ओडिशा में नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रौपदी मुर्मू को 2000 और 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री बनाया गया.
  • झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का खिताब भी द्रौपदी मुर्मू के नाम रहा. साथ ही वह किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी हैं.
  • अगर द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनती हैं, तो वह ओडिशा से देश की राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी शख्स होंगी. पता हो कि द्रौपदी मुर्मू से पहले ओडिशा से वीवी गिरी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं.