मां, भाई-बहन ने 10 साल तक कराया जिस्मफरोशी का धंधा, प्रेमी से शादी करने पर देहव्यापार के दलदल में धकेलने की कोशिश…

22 दिसंबर को बाल कल्याण समिति के समक्ष युवती पहुंची। युवती ने बताया कि उसने आर्य समाज में उसने एक युवक से शादी कर ली है। उसका पति ऑटो चलाता है, वह उसके साथ मुंबई में रहना चाहती है। उसकी मां, बहन, भाई और दो अन्य दलाल फिर से उसे देहव्यापार के दलदल में उतारना चाहते है।

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बूंदी जिले के दबलाना थाना क्षेत्र का एक मामला सामने आया है जिसमें एक लड़की के लिए उसके अपने ही सौदागर बन गए।

दरअशल, मामला है कि एक लड़की से उसके अपनों ने ही 10 साल तक जिस्मफरोशी का धंधा कराया। जब उसने इस दलदल से निकलकर अपने प्रेमी से शादी कर ली तो बौखलाए परिजनों ने उसे फिर से दलदल की दुनिया में धकेलने की कोशिश की। मामला बूंदी जिले के दबलाना थाना क्षेत्र का है, जहां 24 साल की युवती को बाल कल्याण समिति ने मुक्त कराया।

मां ने चली चाल –
पीड़िता ने अपनी मां, भाई-बहन सहित दो दलालों के खिलाफ जबरन देहव्यापार व जिस्मफरोशी में धकेलने का आरोप लगाया। दोबारा देहव्यापार के दलदल में धकेलने के लिए उसकी मां ने ग्राम सेवक से उसके नाबालिग होने का प्रमाण-पत्र जारी करवाकर उसके गुमशुदा और अपहरण का मामला दर्ज करवाया। बालिग होने के कारण बाल कल्याण समिति ने उसे छोड़ दिया।

मां ने बेटी के शादी करने की बात पता चलने पर उसे नाबालिग बताते हुए हिंडोली थाने में उसकी गुमशुदगी और अपहरण का मामला दर्ज करा दिया। मां ने हिंडोली तहसीलदार से बेटी के नाबालिग होने का प्रमाण पत्र बनवाया। प्रमाण-पत्र बनाने के लिए हिंडोली तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा की बालिका की उम्र से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं है, इसलिए इसकी मां के कहे अनुसार उक्त बालिका का आयु प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जाए। तहसीलदार के आदेश पर ग्राम पंचायत भवानीपुरा के ग्राम सचिव ने बालिका के 15 साल की उम्र का होने का प्रमाण-पत्र जारी कर दिया। उस आधार पर बालिका की मां ने हिंडोली थाने में गुमशुदगी और अपहरण का मामला दर्ज करवा दिया।

14 साल की उम्र से कराया जा रहा देहव्यापार –
22 दिसंबर को बाल कल्याण समिति के समक्ष युवती पहुंची। युवती ने बताया कि उसने आर्य समाज में उसने एक युवक से शादी कर ली है। उसका पति ऑटो चलाता है, वह उसके साथ मुंबई में रहना चाहती है। उसकी मां, बहन, भाई और दो अन्य दलाल फिर से उसे देहव्यापार व जिस्मफरोशी के दलदल में उतारना चाहते है। करीब 14 साल की उम्र से उससे जिस्मफरोशी व देहव्यापार करवाया जा रहा था। बालिका ने कहा कि उसने आर्य समाज में शादी कर ली है, ग्वालियर हाईकोर्ट में शादी को लेकर मामला विचाराधीन है।

परिजनों ने पीड़िता को पीटा पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की –
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार के मुताबिक, शंकरपुरा की एक लड़की से जबरन 10 सालों से देह व्यापार करवाया जा रहा था। उसने इस दलदल से निकलकर जुलाई में अपने प्रेमी के साथ आर्य समाज में जाकर शादी कर ली। उसकी मां, भाई-बहन और दलाल मोरपाल व अन्य फिर से देहव्यापार कराने के लिए परेशान करने लगे। इसी वजह से पीड़िता को बीते 15 अगस्त को खूब मारा-पीटा गया। इसकी रिपोर्ट दबलाना थाने में दर्ज की गई, लेकिन पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की।

पूरा मामला सुनने के बाद बाल कल्याण समिति ने बालिका के 164 के बयान दर्ज कराने के बाद उसे स्वतंत्र कर दिया है। युवती इस दलदल से निकलकर वह अपने पति और उसके परिवार के साथ शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवन बिताना चाहती है और वह समाज के लिए एक मिसाल कायम करना चाहती है। उसने कहा कि शंकरपुरा में और भी ऐसी कई लड़कियां है जो इस दलदल से निकल कर अपना जीवन संवारना चाहती है।