मॉडर्न महिलाएं (Modern Women) शादी नहीं करना चाहतीं, बच्चे नहीं पैदा करना चाहतीं…कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री

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कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री-सुधाकर Photo ANI

“मॉडर्न महिलाएं (Modern Women) शादी नहीं करना चाहतीं, बच्चे नहीं पैदा करना चाहतीं. उन्हें सेरोगेसी से बच्चे चाहिए” यह कहना है नेताजी का और वो भी और वो भी सरकारी नेता मतलब सत्ता पक्ष के नेता जिनका नाम है डॉ. के सुधाकर जो अभी कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री है.

मंत्री जी के बयान के बाद बवाल तो होना ही था मगर कुछ लोग उनके पक्ष में तो कुछ उनके विपक्ष ज्ञान देते नजर आये और वो भी सोशल मीडिया पर. कुछ लोग उनका पक्ष लेते हुए उनका सपोर्ट कर रहे है तो दूसरा महिलाओं को उनकी जिंदगी उनके तरीकों से जीने देने का समर्थन.

सुधाकर जी का क्या कहना ?
10 अक्टूबर को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस (NIMHANS) के 25वें दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में सुधाकर बात कर रहे थे मेंटल हेल्थ पर. वे संयुक्त परिवार पर फोकस करते दिखे. ये भी कहा कि भारत को दुनिया को सिखाना चाहिए कि स्ट्रेस जैसी समस्याओं से कैसे निपटा जाए. लेकिन ये कैसे हो सकता है कि नेताजी हो और टिप्पणी महिलाओं पर न हो.
ANI ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया ….नेताजी इसमें क्या कह रहे है देख लीजिये ….

“मैं ये कहने से पहले माफी चाहता हूं. आज बहुत सी मॉडर्न महिलाएं (Modern Women) सिंगल रहना पसंद करती हैं. शादी के बाद भी कुछ महिलाएं बच्चों को जन्म देना नहीं चाहतीं. वे सरोगेसी को पसंद करती हैं. ये हमारे आदर्शों और हमारी सोच को बदल रहा है जो कि सही नहीं है.

हम भारतीयों पर वेस्टर्न इन्फ्लुएंस इतना ज्यादा है कि अब लोग अपने पैरेंट्स को भी अपने साथ रखने से कतराते हैं. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. हम वेस्टर्न कल्चर को अपनाते हुए अपने ही पैरेंट्स को साथ रखना पसंद नहीं करते, तो ग्रैंडपैरेंट्स की तो बात ही दूर हैं.”
इस कार्यक्रम में कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद थे.

मंत्री जी की बात और लोग?
मंत्री जी की इस बात को अलग-अलग लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ दी. कुछ लोगों का कहना है कि उनकी बात गलत नहीं है और भारतीय समाज पश्चिमी संस्कृति को बहुत ज्यादा अपनाने की वजह से बदल रहा है. तो कुछ लोगों ने कहा की मंत्री जी कुछ भी कहे महिलाओं (Modern Women) को अपने हिसाब से जीना चाहिए.

मंत्री जी की सफाई
बवाल होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया कि महिलाओं को टार्गेट करने का उनका कोई इरादा नहीं था.

के सुधाकर ने कहा कि उनका मकसद केवल ये संदेश देना था कि हमारे युवा मेंटल हेल्थ से जुड़े इशू का समाधान निकाल सकते हैं और हमार पारंपरिक परिवारों से जुड़े दुख को कम कर सकते हैं जो हमें एक जरूरी सपोर्ट सिस्टम ऑफर करते हैं.