मुस्लिम उन्हें वोट नहीं देते हैं तो उन्हें नौकरी की उम्मीद नहीं करना चाहिए- मेनका गांधी (बीजेपी)

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मेनका गांधी (Menka Gandhi)
मेनका गांधी (internet Pic Edited)
  • मैं पहले ही चुनाव जीत चुकी हूं। मगर आपको मेरी जरूरत – बीजेपी नेता मेनका (Menka Gandhi) गांधी

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी (Menka Gandhi) अपने खास बयान के कारण चर्चा में है और वो बयान लोगों को डराने वाला जैसा है। उनका कहना है कि यदि मुस्लिम उन्हें वोट नहीं देते हैं तो उन्हें नौकरी की उम्मीद नहीं करना चाहिए।

हुआ यह की उत्तरप्रदेश के तुरब खानी गांव में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम मुझे वोट नहीं देते हैं तो मैं उन्हें नौकरी नहीं दे सकूंगी।
मुझे यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा कि मैं मुस्लिमों के सहयोग के बिना यह चुनाव जीत लूं। फिर क्या था विपक्षी पार्टियों ने इस बयान को अपमानजनक बताया है। मेनका गांधी ने इस बात पर सफाई देते हुए कहा कि मेरा बयान अधूरा ही बताया जा रहा है जो कि अप्रासंगिक है।

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, ”ऐसा होने पर मेरी भावनाओं को ठेस पहुंचती है। फिर यदि मुस्लिम मेरे पास आकर काम मांगते हैं तो मैं इस बारे में सोचूंगी। इससे क्या फर्क पड़ता है? दिल खट्टा हो जाएगा। कुल मिलाकर यह नौकरी एक तरह की डील है।” गांधी ने स्पष्ट किया कि यदि मुस्लिम उन्हें वोट नहीं देते हैं तो उन्हें नौकरी की उम्मीद नहीं करना चाहिए। हमारा यह संबंध आपसी तालमेल पर आधारित है।
मेनका गाँधी (Menka Gandhi) ने कहा, ”आप पीलीभीत में किसी से भी पूछ सकते हैं कि मैंने किस तरह का काम वहां किया है। यदि आपको फिर भी लगता है कि मैंने पर्याप्त काम नहीं किया है तो आपको तय करना है कि मुझे वोट देना है या नहीं?”

गांधी ने कहा, ”हम महात्मा गांधी के बच्चे नहीं हैं। ऐसा नहीं होगा कि आपका सहयोग मिले बिना मैं आपको लगातार सहयोग करती रहूंगी। मैं कोई भेदभाव नहीं रखती। मैं केवल दुख-दर्द और प्यार देखती हूं। यह आप पर है।”

गांधी ने कहा, ”मैं पहले ही चुनाव जीत चुकी हूं। मगर आपको मेरी जरूरत होगी। ऐसे में आपके पास मौका है नींव रखने का। जब चुनाव होगा तो इस बूथ से 100 वोट मिलेंगे या 50? इसके बाद आप मेरे पास रोजगार के लिए आएंगे तो हम देखेंगे…?”

हालाँकि इस बारे में सफाई देते हुए केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा, ”मैंने अपनी अल्पसंख्यक सेल की मीटिंग बुलवाई थी। यदि आप मेरा पूरा भाषण पढ़ें तो चैनल केवल एक वाक्य दिखा रहे हैं जो कि अधूरा और अप्रासंगिक है।”

मेनका गाँधी (Menka Gandhi) के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी एक बहस छिड़ चुकी है तथा उनके इस बयान को वोट के लिए दबाव बनाने वाला बताया जा रहा है।