अलवर गैंगरेप के मामले में राजस्थान सरकार के खिलाफ बढ़ते आक्रोश पर मायावती ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील

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मायावती (Mayavati)
mayavati (source : Indiatoday.in)

अलवर में बलात्कार की घटना के उजागर होने के 5 दिन बाद बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayavati) का बयान आया है. इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है. देश के बड़े नेताओं ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
वैसे तो मायावती (Mayavati) दलितों की राजनीति करने के लिए जानी जाती है. परन्तु इस मामले में वह बहुत देरी से बोली है और राजस्थान सरकार के खिलाफ कोर्ट से कार्रवाई करने की मांग की है.

गौरतलब है कि राजस्थान के अलवर में पति के सामने महिला की गैंगरेप की घटना से धीरे-धीरे आक्रोश का माहौल हो गे है. अब इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी दोषियों को सजा देने की मांग की है. मायावती ने कहा है कि अलवर गैंगरेप केस के दोषियों को अंतिम सांस तक फांसी की सजा मिलनी चाहिए. मायावती ने इस मामले में कांग्रेस सरकार पर भी हमला बोलने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट से राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने यह भी कहा कि अलवर गैंगरेप के दोषियों को फांसी पर लटका देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ दलित से जुड़ा नहीं, बल्कि पूरी महिला समाज से जुड़ा हुआ है.

BSP Chief Mayawati: The Election Commission is not taking appropriate action against political leaders who are making derogatory remarks against women, during the ongoing Lok Sabha elections. https://t.co/2JVPMChkzX
— ANI UP (@ANINewsUP) May 11, 2019

अलवर थानागाजी गैंगरेप और उसके बाद हुई कार्रवाई पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayavati) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. मायावती ने कहा है कि ‘राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए पीड़ित परिवार को धमका कर मामले को दबा रही है. इस अतिघृणित घटना को वहां की कांग्रेसी सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थ में सबंधित पीड़ित परिवर को डरा धमका के इसे तब तक वहां उजागर नहीं होने दिया जब तक वहां पर उस सीट के वोट नहीं पड़ गए. क्या ऐसे में वहां के कांग्रेसी सरकार के चलते उस दलित महिला को इंसाफ मिलेगा मैं समझती हूं.. नहीं.’

राजस्थान के अलवर में सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मदद के मामले में देरी कर रही पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.