महाशिवरात्रि और शिवजी के व्रत से जुडी कुछ मान्यताएँ …

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भारत देश में महाशिवरात्रि(mahashivratri) बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है. इस दिन पूरे देश में धूमधाम से भोलेनाथ की पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है. कुछ लड़कियां अपना मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए भी इस दिन व्रत रखती हैं.

इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त धूमधाम से पूजा-अर्चना और व्रत रखते हैं. आज हम आपको पूजा करने के कुछ ऐसे तरीको से रूबरू करवाएंगे जिससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी और आपको मनचााह वर मिलेगा.

महाशिवरात्रि पर्व पर पूजा की विधि
भक्त बेलपत्र से पानी लिंग पर छिडकते है उसका मतलब यह होता है कि शिव की क्रोध की अग्नि को शान्त करने के लिये ठंडे पानी व पत्ते से स्नान कराया जाता है जो कि आत्मा कि शुद्धि का प्रतीक है.

  • स्नान के बाद में शिवलिंग पर चन्दन का टीका लगाना शुभ जाग्रत करने का प्रतीक है.
  • फल, फूल चढ़ाकर, धन्यवाद करना भगवान की कृपा और जीवनदान, भगवान शिव ने ही इस दुनिया की रचना की थी उनकी इस खूबसूरत दुनिया की रचना पर धन्यवाद करना हैं.
  • शिवलिंग के सामने धूप जलाने से सब अशुद्ध वायु, कीटाणु, गंदगी का नाश करने का प्रतीक माना जाता है. ऐसा करने से हमारे सब संकट, कष्ट, दुख दूर होंगे.
  • दिया जलाने से ज्ञान, रोशनी ,प्रकाश ,विद्वान , शिक्षा आदि में विकास होता है. ऐसा करना उन्नति के रास्ते पर बढते रहने का प्रतीक है.
  • पान का पत्ता चढ़ाना शुभ माना जाता है. ऐसा करना सन्तुष्टी का प्रतीक माना जाता है.
  • शिवरात्रि(mahashivratri) में भोलेनाथ के नृत्य, ताण्डव नृत्य की मुद्राएं भी खूब दर्शनीय होती हैं. नृत्य में झूमने के, लिये लोग ठंडाई जो एक पेय है और यह बादाम, भंग और दूध से बनती है, पीते है.

जानते हैं लड़कियों के लिए इस व्रत का महत्व…

औरतो के लिए विशेष रुप से यह त्योहार शुभ माना जाता है. क्योकि एक कथा है कि पार्वती ने तपस्या की और प्रार्थना की कि इस अन्धेरी रात में मेरे पति पर कोई मुसीबत न आए. हे भगवान उसके सारे दुख दूर हो जाए.
तब से महाशिवरात्रि (mahashivratri) के पर्व पर औरतें अपने पति और पुत्र के लिए शुभ मांगती हैं. कुवारी लडकियां भगवान शिव का पूजन करती हैं कि और अच्छे पति मिलने की कामना करती हैं.