कठुआ गैंगरेप और हत्या में 6 दोषी करार, कोर्ट ने एक को बरी किया

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कठुआ गैंगरेप Kathua Gangrape
(kathua Gangrape) Picture Credit-Navbharat Times

कठुआ गैंगरेप (Kathua Gangrape) केस में पठानकोट सेशंस कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जम्मू कश्मीर के कठुआ में  8 साल की मासूम बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद हत्या करने के आरोप में कुल 7 आरोपियों में से 6 आरोपी को दोषी करार दिया है। एक आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया है।

गौरतलब है की जनवरी 2018 में आरोपियों ने नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया है और उसके बाद उसको मार दिया गया तथा पुलिस ने भी मामले को छिपाने की पूरी कोशिश की। इन आरोपियों में एक नाबालिग भी है।

बलात्कार और उसकी हत्या के मामले की जांच में जुटी पुलिस ने कहा था कि आरोपियों में से एक सांझी राम ने हत्या की बात कबूल ली। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसे बच्ची के अपहरण के चार दिनों बाद बलात्कार की बात पता चली और बलात्कार में अपने बेटे के भी शामिल होने का पता चला. इसके बाद उसने बच्ची की हत्या करने का निर्णय लिया।

बलात्कार के बाद हत्या

NDTV के अनुसार जांचकर्ताओं ने बताया कि 10 जनवरी को अपह्रत बच्ची से उसी दिन सबसे पहले सांझी राम के नाबालिग भतीजे ने बलात्कार किया था। सांझी राम को इस घटना की जानकारी 13 जनवरी को मिली जब उसके भतीजे ने अपना गुनाह कबूल किया. सांझी राम ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उसने ‘देवीस्थान ‘में पूजा की और अपने भतीजे को घर प्रसाद ले जाने को कहा, लेकिन वह देर करता रहा. इससे गुस्से में उसे पीट दिया। पिटने के बाद नाबालिग ने सोचा कि शायद उसके चाचा को लड़की से रेप करने की बात पता चल गई है और उसने खुद ही सारी बात कबूल कर ली। इसके बाद नाबालिग ने अपने चचेरे भाई विशाल (सांझी राम का बेटा) को भी इस मामले में फंसाया और कहा कि दोनों ने मंदिर के अंदर बच्ची से बलात्कार किया। यह जानने के बाद सांझी राम ने तय किया कि बच्ची को मार दिया जाना चाहिए, जिससे वह अपने बेटे तक पहुंचने वाले हर सुराग को मिटा सके. साथ ही घूमंतु समुदाय को भगाने के अपने मकसद को भी हासिल कर सके।

इसके बाद 14 जनवरी को सांझी राम ने बच्ची की हत्या कर दी। हालांकि इसके बाद चीजें योजना के मुताबिक नहीं हुईं। वह बच्ची को मारने के बाद उसे हीरानगर नहर में फेंकना चाहता था, लेकिन वाहन का इंतजाम नहीं होने के कारण उसे उसी ‘देवीस्थान’ में वापस ले आया जिसका सांझी राम सेवादार था। बाद में बच्ची का शव 17 जनवरी को जंगल से बरामद हुआ था. जांचकर्ताओं ने बताया था कि सांझी राम ने अपने भतीजे को जुर्म स्वीकार करने के लिए तैयार कर लिया था, लेकिन बेटे विशाल को इससे दूर रखा और उसे आश्वासन दिया था कि उसे रिमांड होम से जल्द बाहर निकाल लेगा। गौरतलब है कि इस मामले में नाबालिग के अलावा सांझी राम, उसके बेटे विशाल और पांच अन्य को आरोपी बनाया गया है।

कोर्ट ने कठुआ गैंगरेप (Kathua Gangrape) में तीन पुलिस अफसर दीपक खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा और अरविंद दत्ता, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और प्रवेश कुमार उर्फ मन्नू को दोषी करार दिया।