Kaali poster controversy: Leena Manimekalai ने देवी को सिगरेट पीते हुए क्यों दिखाया? …

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Kaali poster
Kaali poster controversy: Leena Manimekalai ने कहा, 'मैं नहीं डरती, मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं'...

भारत में इन दिनों एक नया विवाद खड़ा हो गया है जिसकी वजह से कई लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हाल‌ ही में लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) ने अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली (Kaali poster) का एक पोस्टर जारी किया था जिसे देखने के बाद लोग भड़क उठे और उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल करने लगे। यह विवाद इतना बढ़ गया कि सोशल मीडिया पर #arrestleenamanimekalai ट्रेंड करने लगा। लीना ने जो पोस्टर जारी किया था उसमें मां काली (Kaali poster) को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। उनके एक हाथ में त्रिशूल तो दूसरे हाथ में एलजीबीटीक्यू का झंडा है‌। लोगों का कहना है कि इस पोस्टर के जरिए उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है। कुछ लोगों ने लीना मणिमेकलाई को अरेस्ट करने की मांग भी की। हाल ही में यह खबर आई है कि लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) के खिलाफ शिकायत दर्ज हुआ है।

‘मैं नहीं डरती, मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं’

Kaali poster

‘काली’ (KAALI) के पोस्टर पर इतना बवाल मचने के बाद NBT की रिपोर्ट के अनुसार लीना (Leena Manimekalai) ने एक ट्वीट किया और लिखा कि ‘मैं नहीं डरती।’ जी हां, उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। मैं हमेशा उन लोगों के साथ आवाज उठाऊंगी, जो निडर होकर बोलते हैं। अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है तो मैं वो भी दे दूंगी।’ उनका कहना है कि ये मूवी टोरंटो के आगा खान म्यूजियम में हुए प्रोग्राम ‘रिदम ऑफ कनाडा’ का एक पार्ट थी।

पुलिस में दर्ज हुई शिकायत

लीना (Leena Manimekalai) ने बीते शनिवार को अपनी शॉर्ट फिल्म KAALI का एक पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसके बाद काफी हंगामा मचा। दिल्ली की गौ महासभा के अध्यक्ष अजय गौतम ने दिल्ली पुलिस में लीना के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय से फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। इसके जवाब में लीना (Leena Manimekalai) ने सोशल मीडिया पर रिएक्शन भी दिया था।

Social Issues पर बनाती हैं फिल्में

उनकी पहली डॉक्युमेंट्री ‘महात्मा’ थी. लीना (Leena Manimekalai) का खास झुकाव दलित, महिलाओं, ग्रामीण और LGBTQ समुदाय से जुड़ी समस्याओं की ओर है और इन पर ही वह शॉर्ट मूवीज और डॉक्यूमेंट्री बनाती हैं. अब तक उनकी कई फिल्में विदेशी फिल्म फेस्टिवल में शेयर हो चुकी हैं. ऐक्टर के तौर पर लीना ने 4 शॉर्ट फिल्मों ‘चेल्लम्मा’, ‘लव लॉस्ट’, ‘द वाइट कैट’ और ‘सेनगडल द डेड सी’ में काम किया है.

इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी वह काफी एक्टिव रहती हैं और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं. लीना (Leena Manimekalai) ने कुछ दिन पहले ऑल्ट न्यूज के संस्थापक जुबैर की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए तत्काल रिहाई की अपील का पोस्ट शेयर किया था. हालांकि, काली के पोस्टर पर मचे विवाद के बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में कमेंट सेक्शन को प्राइवेट कर दिया है,

कौन हैं लीना मणिमेकलाई

लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) एक फिल्ममेकर, कवयित्री और एक्ट्रेस हैं। उनके 5 कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा वो डॉक्यूमेंट्री और एक्सपेरिमेंटल पोयम फिल्म्स भी बना चुकी हैं। उन्हें कई इंटरनेशनल और नेशनल फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। लीना ने 2002 में शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री ‘मथम्मा’ से करियर की शुरुआत की। 20 मिनट की यह डॉक्यूमेंट्री चेन्नई के पास अरक्कोणम के गांव मंगट्टचेरी में अरंधतियार समुदाय के बीच प्रचलित प्रथा के बारे में है, जिसमें लड़कियों को उनके देवता को समर्पित कर दिया जाता है।

मामा से शादी… मां की भूख हड़ताल, संघर्ष भरा रहा है लीना का जीवन

लीना (Leena Manimekalai) ने अपनी निजी जिंदगी में काफी संघर्ष देखा है। उन्होंने अपने जीवन में सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक सभी स्तर पर संघर्ष किया है। लीना मणिमेकलई (Leena Manimekalai) मदुरै के दक्षिण में स्थित सुदूर गांव महाराजापुरम से ताल्लुर रखती हैं। उनके पिता कॉलेज में एक लेक्चरर थे। वह जिस गांव में रहती थीं, वहां प्रथा थी कि किशोरावस्थआ आते ही लड़की की शादी उसके मामा से कर दी जाती थी।

इस प्रथा के बारे में जब लीना को पता चला तो वह अपनी शादी के समय घर से भाग गईं। इसके वह चेन्नई पहुंचीं जहां उन्होंने तमिल मैगजीन विकटन के ऑफिस में नौकरी के लिए आवेदन किया। लेकिन तब ऑफिस वालों से उनके घरवालों से संपर्क कर उन्हें वापस उनके परिवारवालों को सौंप दिया। इसके बाद लीना ने किसी तरह अपने घरवालों को मनाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की। इसी बीच कॉलेज के आखिरी साल में लीना के पिता की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद लीना ने तमिल डायरेक्टर पी भारथीराजा पर उनके पिता द्वारा लिखी गई डॉक्टरल थीसीस को किताब के रूप में छापने का फैसला किया।

इस किताब को पब्लिश करवाने के लिए वह वापस चेन्नई गईं। इस दौरान वह फिल्म मेकर पी भारथीराजा से भी मिली, जिन्हें देखते ही उन्हें प्यार हो गया। निर्देशक संग लीना के रिलेशन की खबरों ने तब काफी सुर्खियां बटोरीं। इन खबरों के बारे के सामने आते ही उनकी मां ने खाना-पीना बंद कर दिया और बेटी को वापस घर आने को कह दिया। ऐसे में मां की बिगड़ती हालत देख लीना सिनेमा और भारथीराजा को छोड़ वापस घर लौट आईं। बाद में कई जगह नौकरी करने के बाद उन्होंने आखिर में शोषण का शिकार लोगों और सामाजिक मुद्दों की आवाज बनने की ठानी। इस तरह उन्होंने साल 2002 में अपनी पहली फिल्म ‘मथम्मा ‘ पर काम करना शुरू किया। इसके बाद वह लगातार आगे बढ़ती गईं।

अपनी हालिया फिल्म को लेकर विवादों में फंसीं लीना (Leena Manimekalai) पहले भी अपनी फिल्मों को लेकर विवादों में रही थी। उन्होंने साल 2011 में पहली फीचर फिल्म सेंगडल रिलीज की, जो धनुष्कोड़ी के मछुआरों पर आधारित थी। लीना (Leena Manimekalai) की इस फिल्म को लेकर काफी विवाद हुआ था। फिल्म को लेकर बवाल इतना बढ़ गया कि कानूनी पचड़े में पड़ने की वजह से इसको रिलीज में काफी देर हो गई थी। इतना ही नहीं उनकी इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था। बोर्ड का कहना था कि सेंगडल में भारतीय और श्रीलंका सरकार पर कई अपमानजनक और राजनीतिक टिप्पणी की गई है। इसके अलावा अपनी फिल्म व्हाइट वैन स्टोरीज लेकर भी लीना विवादों में रही थीं।

LGBTQ समुदाय से आती हैं विवादित फिल्ममेकर

लीना (Leena Manimekalai) इस वक्त हिंदू देवी काली को समलैंगिक दिखाने की वजह से विवादों में हैं. हालांकि, खुद लीना (Leena Manimekalai) का मानना है कि समाज में एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों के लिए बनी बनाई परिपाटी टूटनी चाहिए और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करना चाहिए. लीना खुद को भी बाई-सेक्सुअल बताती है. अपनी सेक्सुअल पहचान को लेकर फिल्ममेकर का कहना है कि यह निजी चीज है और इसमें कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे छुपाया जाए या जो मेरे लिए शर्मिंदगी का सबब हो. वह एलजीबीटी अधिकारों की भी मुखर समर्थक हैं.

काली से पहले बनाईं यह काॅन्ट्रोवर्शियल फिल्में

वर्ष 2011 में लीना (Leena Manimekalai) की पहली फीचर फिल्म सेंगडल जारी हुई थी। इस फिल्म की कहानी धनुष्कोड़ी के मछुआरों पर आधारित थी जिनका जीवन श्रीलंका में एथनिक वाॅर की वजह से प्रभावित हो रहा था। लीना के इस फिल्म को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया था। लीना और उनकी यह फिल्म कानूनी पचड़े में पड़ गई थी जिसकी वजह से इस फिल्म को रिलीज होने में काफी देर हो गई थी। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था और यह कहा था कि सेंगडल में भारतीय और श्रीलंका सरकार पर कई अपमानजनक और राजनीतिक टिप्पणी की गई है। इसके साथ सेंसर बोर्ड ने यह भी कहा था कि इस फिल्म में कई का असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। व्हाइट वैन स्टोरीज फिल्म को लेकर भी लीना विवादों में आ गई थीं।