JNU की कुलपति शांतिश्री धूलिपुडी पंडित (Shantisree Dhulipudi) ने सोमवार को कहा कि मानवशास्त्रीय रूप से देवता ऊंची जाति के नहीं होते। भगवान शिव अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति जाति के हो सकते हैं। उन्होंने मनुस्मृति का हवाला देकर उन्होंने महिलाओं के लिए भी कुछ विवादास्पद बातें कहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं की जाति शादी के बाद मिलती है।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की कुलपति के बयान पर अब विवाद शुरू हो गया है। प्रो. शांतिश्री पर कार्रवाई की मांग हो रही है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर शांतिश्री (Shantisree Dhulipudi) कौन हैं? और क्या विवादित बयान दिया है आइए जानते हैं…
मनुस्मृति के अनुसार सभी महिलाएं शूद्र हैं – According to Manusmriti all women are Shudras
सोमवार को डॉ. बीआर अंबेडकर व्याख्यान श्रृंखला में डॉ. बी आर अंबेडकर के विचार जेंडर जस्टिस: डिकोडिंग द यूनिफॉर्म सिविल कोड’ (Dr B R Ambedkar’s Thoughts on Gender Justice: Decoding the Uniform Civil Code) में व्याख्यान देते हुए कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी (Shantisree Dhulipudi) कहा कि ”मनुस्मृति में महिलाओं को शूद्रों का दर्जा दिया गया है.”
उन्होंने यह भी कहा कि मैं सभी महिलाओं को बता दूं कि ”मनुस्मृति के अनुसार सभी महिलाएं शूद्र हैं, इसलिए कोई भी महिला यह दावा नहीं कर सकती कि वह ब्राह्मण या कुछ और है”. औरतों को जाति अपने पिता या पति से मिलती है. मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जो है असाधारण रूप से प्रतिगामी है.
कोई भी भगवान ब्राह्मण नहीं है – no god is brahmin
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार कुलपति बोलीं कि ”आप में से अधिकांश को हमारे देवताओं की उत्पत्ति को मनुष्य जाति के विज्ञान के हिसाब से जानना चाहिए. कोई भी भगवान ब्राह्मण नहीं है, सबसे ऊंचा क्षत्रिय है. भगवान शिव अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से होने चाहिए, क्योंकि वे श्मशान में बैठते हैं. उनके साथ सांप रहते हैं. वे बहुत कम कपड़े पहनते हैं. मुझे नहीं लगता कि ब्राह्मण श्मशान में बैठ सकते हैं.
कुलपति (Shantisree Dhulipudi) बोलीं कि माता लक्ष्मी, शक्ति यहां तक कि भगवान जगन्नाथ भी मनुष्य जाति के विज्ञान के अनुसार उच्च जाति से नहीं आते हैं. भगवान जगन्नाथ वास्तव में आदिवासी मूल से हैं. तो हम अभी भी इस भेदभाव को क्यों जारी रखे हुए हैं जो बहुत ही अमानवीय है. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम बाबासाहेब के विचारों पर पुनर्विचार कर रहे हैं. हमारे यहां आधुनिक भारत का कोई नेता नहीं है जो इतना महान विचारक था.
उन्होंने कहा, “हिंदू धर्म एक धर्म नहीं है, यह जीवन का एक तरीका है. और अगर यह जीवन का तरीका है तो हम आलोचना से क्यों डरते हैं”. गौतम बुद्ध हमारे समाज में अंतर्निहित, संरचित भेदभाव पर हमें जगाने वाले पहले लोगों में से एक थे.
कौन हैं शांतिश्री धुलीपुड़ी? – Who is Shantisree Dhulipudi?
प्रो. शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित (Shantisree Dhulipudi) जेएनयू की पहली महिला कुलपति हैं। प्रोफेसर शांतिश्री जेएनयू की वीसी बनने से पहले सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में थीं। शांतिश्री धुलिपुडी (Shantisree Dhulipudi) राजनीतिक और लोक प्रशासन विभाग की प्रोफेसर हैं। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से एमफिल और पीएचडी की है। 1998 में गोवा विश्वविद्यालय से अपने शैक्षणिक करिअर की शुरुआत की। 1993 में पुणे विश्वविद्यालय चली गईं। हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल जैसी छह भाषाओं में दक्ष प्रोफेसर धुलिपुडी कन्नड़, मलयालम और कोंकणी भी समझ लेती हैं।
शांतिश्री धुलीपुड़ी का जन्म – Birth of Shantisree Dhulipudi
शांतिश्री (Shantisree Dhulipudi) का जन्म 15 जुलाई 1962 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ था। पिता डॉ. धुलिपुड़ी अंजानेयूलु आईएएस अफसर थे। बाद में उन्होंने पत्रकार और लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाई। मां प्रो. मुलामूदी आदिलक्ष्मी तमिल और तेलुगु भाषा की प्रोफेसर रहीं हैं।
शांतिश्री धुलीपुड़ी की शिक्षा – Education of Shantisree Dhulipudi
प्रोफेसर धुलिपुडी (Shantisree Dhulipudi) की शुरुआती पढ़ाई मद्रास (अब चेन्नई) में हुई। इसके बाद जेएनयू से एम.फिल में टॉप किया। फिर यहीं से पीएचडी भी की। 1996 में उन्होंने स्वीडन की उप्पसला यूनविर्सिटी से डॉक्टोरल डिप्लोमा हासिल किया।
जेएनयू की पहली महिला वीसी – First woman VC of JNU
7 फरवरी 2022 को शिक्षा मंत्रालय ने शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित (Shantisree Dhulipudi) को जेएनयू की पहली महिला वीसी के रूप में नियुक्त किया है। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, एसपीपीयू की शांतिश्री धूलिपुडी पंडित (Shantisree Dhulipudi) जेएनयू के पूर्व वीसी प्रोफेसर एम जगदीश कुमार का स्थान लेंगी। रिपोर्टों के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पंडित को 5 साल के कार्यकाल के लिए नए वीसी के रूप में नियुक्त किया गया है और वह जल्द ही अपना कार्यभार संभालेंगी। इससे पहले, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जेएनयू में हमेशा सभी पुरुष वीसी रहे हैं और यह पहली बार है कोई महिला इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के कार्यालय की अध्यक्षता करेगी।
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