जलवायु आंदोलन के लिए विज्ञान को सुनने की जरूरत है न कि अवॉर्ड लेने की। ऐसा बोलते हुए स्वीडन की 16 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया।
बात यह हुई कि स्वीडन कि 16 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने मंगलवार को पर्यावरण अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु आंदोलन के लिए विज्ञान को सुनने की जरूरत है न कि अवॉर्ड लेने की। युवा जलवायु कार्यकर्ता के ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर’ मूवमेंट में लाखों लोग शामिल हुए थे।
इसे लेकर स्टॉकहोम में नॉर्डिक काउंसिल ने उन्हें सम्मानित किया था। थनबर्ग को स्वीडन और नॉर्वे में अपने काम के लिए नामित किया गया था और संगठन का वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी।
वह पुरस्कार नहीं लेंगी-थनबर्ग की प्रतिनिधि स्वीडन की एक न्यूज एजेंसी की माने तो, पुरस्कार की घोषणा होने के बाद ग्रेटा थनबर्ग की प्रतिनिधि ने दर्शकों से कहा कि वह पुरस्कार या 350,000 डेनिश क्रोनर (लगभग 36,83,000 रु.) की पुरस्कार राशि को स्वीकार नहीं करेंगी।
थनबर्ग अभी अमेरिका में हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा- क्लाइमेंट मूवमेंट के लिए किसी पुरस्कार की जरूरत नहीं है। हमारे लिए जरूरत है कि आज के नेता और जो लोग सत्ता में हैं, वे विज्ञान को सुनें। हालांकि, उन्होंने अवॉर्ड के लिए नॉर्डिक काउंसिल को धन्यवाद भी दिया। साथ ही कहा कि जलवायु और पर्यावरण के मुद्दों पर नॉर्डिक देशों की दुनियाभर में बड़ी प्रतिष्ठा है। लेकिन जब असल में कार्बन उत्सर्जन और इकोसिस्टम की बात आती है तो सिर्फ बातें की जाती हैं।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से जलवायु कार्यकर्त्ता जगह-जगह आंदोलन कर रहे है परन्तु उनको सरकारों से वो संतुष्टि नहीं मिल पा रही है। पिछले दिनों अमेज़ॉन के जंगलों में लगी आग को लेकर भी बहुत आंदोलन हुआ और लोग सड़कों पर उतरें है।