अलवर के थानागाजी की सामूहिक दुष्कर्म (Alawar Gangrape) की घटना ने हमारे समाज की दरिंदगी बयां करती है. यह वो देश है जहाँ नारियों की पूजा होती है हालाँकि ये सब तस्वीरों और मूर्तियों तक ही सीमित है.
चाहे किसी भी धर्म या सम्प्रदाय की बात हो वहां का पुरुषवादी समाज महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर उन्ही पर उन्ही पर पर्दा डाल कर सोचता है कि यही इनके लिए सही है चाहे वो घूंघट हो या बुर्का परन्तु फिर भी महिलाएं कहा सुरक्षित है. जो लोग महिलाओं के पहनावे व उनकी कपड़ों की साइज को दोष देते है वो इस घटना के बारे में क्या कहेंगे या फिर यहाँ भी महिला किसी न किसी तरह से दोषी ठहरा दी जाएगी.
एक रिपोर्ट के हिसाब से हमारा देश औरतों के लिए दुनियां का सबसे असुरक्षित देश है चाहे फिर यहाँ नारियों को देवी ही क्यों न समझा जाता हो. इसी रिपोर्ट में कई ऐसे खतरनाक देश भी शामिल है जहाँ मानवता नाम मात्र की रह गई है परन्तु वो देश भी महिलाओं के लिए हमारे देश से ज्यादा सुरक्षित है उसमे पाकिस्तान व सीरिया जैसे देश भी हमसे आगे है.
उस रिपोर्ट को छोड़ भी दिया जाये तो इस तरह की घटनाएं आम होती जा रही है और अपराधी खुले आम वारदात को अंजाम दे रहे है.
मीडिया का दावा है कि इस घटना को प्रशासन ने चुनावों कि कारण दबाये रखा है क्योंकि राजस्थान की मौजूदा सरकार पर इस घटना का प्रभाव जरूर पड़ता. परन्तु क्या मीडिया भी इस बात की जिम्मेदारी लेने कि लिए तैयार है कि चुनावों के समय प्रशासन के साथ-साथ वो भी इस तरह की ख़बरों को तव्वज्जो नहीं देता. मीडिया का ध्यान इस बात पर जरूर था कि किस नेता के पक्ष में किस जाति के लोग है.
इस तरह के अपराधों में जाति-धर्म का मामला जरूर लिप्त होता है क्योंकि यदि पीड़ित किसी दलित जाति से है तथा अपराधी किसी दबंग जाति से है तो पीड़ित की हिम्मत भी नहीं होती की वो दबंगों के खिलाफ आवाज उठा सके और दबंग उनका जाति के हिसाब से शोषण करते है. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है कि अपराधियों ने महिला का पहले तो उसी कि पति कि सामने सामूहिक बलात्कार किया तथा बलात्कार के बाद भी पीड़ित महिला व उसके पति को ब्लैकमेल किया है. क्योंकि अपराधियों को पता है कि पीड़ित दलित जाति के है और सामाजिक रूप से पीड़ित उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते तथा पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से उनके साथ ही है. यहाँ तक की नेताओं ने भी पीड़ित का साथ देने की बजाय उनको डराया. मीडिया से बात करते हुए पीड़ित आदमी का आरोप है कि एक पूर्व विधायक ने पैसा लेकर मामला रफादफा करने के लिए कहा क्योंकि अपराधी पूर्व विधायक जी की जाति के है.
हम यहाँ जाति की बात इसलिए कर रहे है क्योंकि राजस्थान में कुछ दशकों पहले भी एक महिला कि साथ ऐसे ही दबंग जाति कि लोगों ने सामूहिक बलात्कार (Alawar Gangrape) किया और वो जेल जाने से बच भी गए और पीड़िता अपने बुढ़ापे की आखिर साँसों में न्याय का इन्तजार कर रही है. उस घटना में भी पीड़िता का बलात्कार उसके पति के सामने किया गया तथा अपराधियों को अपने जाति के बाहुबल के कारण ही पुलिस और नेताओं का साथ मिला था.
Post by धर्म पाल