मंगलवार 5 अक्टूबर को माखनलाल बिंद्रू की आतंकियों (Terrorists) ने हत्या कर दी. माखनलाल एक फार्मेसी ‘बिंद्रू हेल्थज़ोन’ के मालिक थे. आतंकियों (Terrorists) ने दुकान के सामने कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी. अब उनकी बेटी श्रद्धा बिंद्रू ने अपने पिता की मौत पर बयान दिया है, जो काफ़ी चर्चा में हैं. श्रद्धा के द्वारा दिये गए बयान में अपने पिता को फाइटर बताया है. श्रद्धा का कहना हैं कि ”माखनलाल बिंद्रू ने कश्मीर के लोगों की सेवा की. उनका शरीर जरूर जल गया है लेकिन उनकी स्पिरिट अभी भी जिंदा है.” एक दूसरे वीडियो में श्रद्धा बिंदू पिता के हत्यारों को ललकारती हुई हत्यारों को कुरान के हवाले से एक सीख भी दी.
वीडियो श्रद्धा ने कहा,
“मेरे पिता का शरीर अब नहीं है. क्या आप लोगों की समझ है कि आपने गलत किया? कभी अकेले बैठोगे तो सोचना कि जिस इंसान ने अपनी जिंदगी सिर्फ काम में लगा दी, मेहनत की, कश्मीर के लोगों की सेवा की, ये देखा कि गलती से भी कोई गलत मेडिसिन ना चली जाए, उसके साथ आखिर में ये हुआ.
अपनी चेतना से ये सवाल पूछिए. क्योंकि जाना तो सबको है. आप भी जाएंगे, हम भी जाएंगे. सबको उस अल्लाह को जवाब देना है. वो अल्लाह भी एक है, भगवान भी एक है. जिसने भी ये किया है, उसने अपने लिए जहन्नुम के दरवाजे खुद खोल दिए हैं. ये कश्मीर की लड़ाई नहीं हुई. आपने तो उस इंसान को मार दिया जिसने कश्मीरियों की सेवा की.”
मीडिया के सवालो का जवाब ऐसे दिया श्रद्धा ने –
मेरी आंखों में आंसू का एक कतरा भी नहीं है. क्यों? क्योंकि मेरे पिता एक फ़ाइटर थे और वे एक फ़ाइटर की मौत मरे हैं. लेकिन जिसने भी मेरे पिता की हत्या की है, मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वो मेरे सामने आए! मेरे पिता ने मुझे शिक्षा दी और सियासत ने तुम्हें बंदूकें और पत्थर. बंदूक और पत्थर से लड़ना, बुज़दिली है. मैं एक एसोसिएट प्रोफ़ेसर हूं. मैंने ज़ीरो से शुरू किया है. मेरा भाई एक फेमस एंडॉक्रिनलॉजिस्ट है. मेरी मां एक सशक्त महिला हैं और दुकान चलाती हैं. ये माखनलाल बिंद्रू की लेगसी है. उन्होंने एक साइकिल के साथ शुरुआत की थी. तुमने केवल उनके शरीर को मारा है. वे हम सब में ज़िंदा हैं.
श्रद्धा ने गुनहगारों को कुरान सिखाते हुए कहा –
मैं एक हिंदू हूं. लेकिन मैंने कुरान पढ़ी है. कुरान कहती है कि ये जो शरीर का चोला है, यह एक दिन बदल जाएगा, लेकिन इंसान का जज़्बा अमर रहेगा. माखनलाल बिंद्रू का जज़्बा अमर रहेगा. जिसने भी मेरे पिता को मारा है, मैं चुनौती देती हूं कि वो मेरे सामने आए और मुझसे डिबेट करे. तब तुम्हें तब पता चलेगा कि तुम क्या हो. बस पत्थर मार सकते हो और पीछे से गोलियां ही चला सकते हो. क्या करोगे. एक शरीर उड़ा दिया ना तुमने. उस शरीर ने जिनको पैदा किया है वो मैं हूं. इतनी औकात है तो आ जाओ मेरे सामने.
मक्खलाल बिंद्रू की हत्या से पूरी घाटी में गुस्सा है. कश्मीरी मुसलमानों और पंडितों दोनों ने मांग की है कि पुलिस अपराधियों (Terrorists) की पहचान करे और उन्हें तुरंत दंडित करे. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने हत्या की निंदा करते हुए बिंद्रू परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
कौन हैं बिंद्रू परिवार-
बिंद्रू एक कश्मीरी पंडित थे, जो ‘बिंद्रू मेडिकेट’ के नाम से अपनी पत्नी के साथ फार्मेसी चलाते थे. 1990 के उग्रवाद के बाद भी कश्मीर से बाहर नहीं गए. लेकिन मंगलवार को आतंकियों (Terrorists) ने 3 सिविलियंस को निशाना बनाया मरने वालो में माखनलाल के अलावा पानी पूरी की रेड़ी लगाने वाले वीरेंद्र पासवान और सुमो-ट्रांसपोर्ट संघ के मोहम्मद शफ़ी लोन भी शामिल हैं. हालाँकि हमले की ज़िम्मेदारी हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से अपने कैडर का गठन करने वाले रेज़िस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है.
कहा जा रहा है कि परिवार और जीवन की इतनी बड़ी क्षति के बावजूद श्रद्धा ने अपनी दलीलों से ये साबित किया है कि किसी भी विवाद का समाधान बातचीत से ही निकाला जा सकता है.