भरतपुर, के केवलादेव घना पक्षी विहार में एक 14 साल की नाबालिग ने फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) करने का मामला सामने आया हैं। वैसे आत्महत्या (Suicide) करने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। और परिजन भी बच्ची की मौत को लेकर कुछ बताने के लिए तैयार नहीं हैं।
तीन साल से अपने चाचा के साथ रह रही थी –
14 साल की मीनाक्षी (मृतिक) 10वीं कक्षा में पढ़ती थी, वह अपने चाचा चंदन सिंह के साथ रहती थी। मीनाक्षी के चाचा चंदन सिंह घना पक्षी विहार में फॉरेस्ट गार्ड के पद पर तैनात हैं। वह घना पक्षी विहार में सरकारी क्वार्टर में ही रहते हैं। मीनाक्षी तीन साल से अपने चाचा के साथ रह रही थी। चाचा के पास ही रहकर मीनाक्षी पढ़ाई किया कर रही थी। चंदन सिंह का लड़का और मीनाक्षी साथ में स्कूल जाते थे।
शनिवार दोपहर 3 बजे मीनाक्षी और उसके चाचा का लड़का स्कूल से पढ़कर अपने घर पहुंचे। स्कूल से आने के कुछ देर बाद मीनाक्षी ने क्वार्टर के एक कमरे में जाकर चुन्नी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। जब मीनाक्षी की चाची कमरे में गईं तो उन्होंने मीनाक्षी को फांसी के फंदे से लटकी हुई हालत में देखा। इसके बाद मीनाक्षी को तुरंत नीचे उतारकर RBM अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आत्महत्या के कारणो का पता नहीं चला –
मीनाक्षी के आत्महत्या (Suicide) के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मीनाक्षी के परिजन भी कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। पुलिस ने सुबह शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया है। मामले की जांच की जा रही है।
आखिर ऐसा क्यों ?
आत्महत्या (Suicide) जैसे उठाये गए कदम को हम क्या नाम दे इसे मज़बूरी समझे या अपराध, खेर यह इंसान की सोच पर पर निर्भर करता है कि वह इस घटना को किस तरह से लेकर देखता है. लेकिन में तो इतना ही कहूंगा कि ऐसे कदम उठाने से अच्छा यह होगा कि जो भी समस्या हो उसके खिलाफ हमें लड़ना चाइये, अगर हमें ऐसा करने पर कोई मजबूर करता है तो उसके खिलाफ हम कानून का सहारा ले सकते है, हमारे देश का कानून देश के हर एक नागरिक के साथ है, बस जरुरत है तो हमें अपने हालत को समझने की और कानून से मदद मांगने की.