9 साल की Kajal Bind ने पूरी की 42.195 किलोमीटर की दौड़…लेकिन सम्मान क्यों नहीं मिला?

9 साल की Kajal Bind ने पूरी की 42.195 किलोमीटर की दौड़...लेकिन सम्मान क्यों नहीं मिला?

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Kajal bind
काजल बिंद (Kajal Bind) मुख्यमंत्री योगी से मिलकर प्रयागराज पहुंची को डीएम संजय खत्री ने उसे 5100 रुपये नकद पुरस्कार व स्पोर्ट्स किट देकर सम्मानित किया है।

19 नवंबर 2021 का दिन था। सुबह के छह बज रहे थे। सेना के एथलीट 36वीं प्राइजमनी इंदिरा मैराथन के लिए कमर कस चुके थे। करीब 1500 धावकों के बीच एक नन्हीं परी (Kajal Bind) भी दौड़ने को आतुर दिख रही थी। सबके पास जिलाधिकारी की परमिशन थी। मगर, परमीशन नहीं थी तो 9 साल की एथलीट काजल बिंद (Kajal Bind) के पास। किसे पता था कि यह नन्हीं धाविका 3 घंटे 30 मिनट में इंदिरा मैराथन की 42.195 किलोमीटर की दौड़ पूरी कर लेगी। काजल बिंद (Kajal Bind) को उस दिन जिसने भी देखा दांतों तले उंगली दबा ली। जब काजल मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में फिनिश लाइन टच की तो पूरी पब्लिक उसके पीछे भाग पड़ी। उसका उत्साह बढ़ाने के लिए लोगों ने उसे अपने कंधे पर बैठा लिया था।

लेकिन, काजल (Kajal Bind) निराश थी। उसकी निराशा का कारण था जिलाधिकारी द्वारा उसे अनुमति न देना और उसका सम्मान न करना। शायद जिलाधिकारी संजय खत्री को अपनी भूल का एहसास हो गया है तभी तो मुख्यमंत्री से मिलने जाने की काजल (Kajal Bind) की खबर पता चलने के बाद ही उन्होंने काजल बिंद को 5100 रुपये देने और स्पोर्ट्स किट के साथ प्रशिक्षण दिलाने की घोषणा कर दी थी। आज जब काजल बिंद (Kajal Bind) मुख्यमंत्री योगी से मिलकर प्रयागराज पहुंची को डीएम संजय खत्री ने उसे 5100 रुपये नकद पुरस्कार व स्पोर्ट्स किट देकर सम्मानित किया है।

महज 9 साल की उम्र में पूरी की थी इंदिरा मैराथन –
महज 9 साल की काजल (Kajal Bind) कक्षा तीन की छात्रा है। वह सरस्वती ज्ञान मंदिर मेजा में पढ़ रही है। काजल बिंद को जिलाधिकारी संजय खत्री ने 19 नवंबर 2021 को हुई 36वीं अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद अपने रिस्क पर काजल के पिता नीरज कुमार बिंद ने काजल को इंदिरा मैराथन में दौड़ाया। काजल ने पिता के भरोसे को कायम रखा और 3 घंटे 30 मिनट में इंदिरा मैराथन की दौड़ पूरी की थी। सेना के धावकों से कदम से कदम मिलाती काजल ने बरबस सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। सभी नन्हीं परी को सल्यूट कर रहे थे।

डीएम ने कहा काजल का भविष्य उज्जवल है –
जिलाधिकारी ने बालिका धाविका काजल बिंद (Kajal Bind) सम्मानित करने के बाद कहा कि काजल (Kajal Bind) का भविष्य उज्जवल है। इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी को काजल के अच्छे प्रशिक्षण के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश भी दिए।

गोवा फेडरेशन कप में जीता था गोल्ड मेडल –
काजल के पिता नीरज कुमार बिंद ने बताया कि गोवा में हुई फेडरेशन कप में काजल ने गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने बताया कि काजल बिना रुके 42 किलोमीटर की दौड़ पूरी कर सकती है। उसका स्टैमिना गजब का है। अपने उम्र वर्ग में वह काफी बेहतर कर रही है। हमें उससे काफी उम्मीदें हैं। नीरज कुमार ने कहा कि मेरी बेटी ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीते यही मेरा और मेरी बेटी दोनों का सपना है।

पढ़ने में भी अव्वल है उड़न परी –
काजल वर्तमान में मेजा के भारतगंज कस्बे में सरस्वती ज्ञान मंदिर में कक्षा तीन की छात्रा है। वह अपने क्लास में हमेशा टॉप फाइव में रहती है। पिता नीरज कुमार बिंद ने बताया कि उसे कभी पढ़ने और खेलने के लिए नहीं कहना पड़ता। उसके अंदर खेल और पढ़ाई दोनों के प्रति काफी लगन है।

प्रयागराज से दिल्ली इंडिया गेट तक दौड़ चुकी है काजल बिंद –
काजल बिंद की कोच रजनीकांत ने बताया कि काजल ने हाल ही में प्रयागराज के सुभाष चौराहे से इंडिया गेट नई दिल्ली तक की दौड़ पूरी की थी। काजल बिना रुके प्रतिदिन 42 किलोमीटर दौड़ती थी उसके बाद विश्राम करती थी। दिल्ली पहुंचने के बाद दिल्ली सरकार ने उसका सम्मान किया था। प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी काजल बिंदु को अभी हाल ही में उसकी नायाब उपलब्धि के लिए सम्मानित किया है।

धावक बुधिया सिंह से प्रेरित है काजल बिंद –
इंदिरा मैराथन की दौड़ पूरी करने के बाद काजल बिंद (Kajal Bind) ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि वह उड़ीसा के नन्हे धावक बुधिया सिंह से प्रेरित है। बुधिया सिंह की उपलब्धि से प्रेरित होकर ही उसने करीब 1 साल पहले दौड़ना शुरू किया। 1 साल की प्रैक्टिस के बाद काजल बिंद (Kajal Bind) ने अपनी झोली में कई सारी उपलब्धियां हासिल की हैं।