सरकारी स्कूलों में रेप के 13 मामले, आरोपी Teacher में से किसी को भी सजा नहीं हुई…

सरकारी स्कूलों में रेप के 13 मामले, आरोपी Teacher में से किसी को भी सजा नहीं हुई...

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सरकारी स्कूलों में रेप के 13 मामले, आरोपी Teacher में से किसी को भी सजा नहीं हुई...

आजकल बच्चियां कहीं भी सुरक्षित नहीं है, शिक्षा का मंदिर जहाँ से लोग इंसान शिक्षा ग्रहण करता हो, इंसानियत को सिखने की शुरुआत करता है, लेकिन क्या हो अगर जब इंसान इस मंदिर में हैवानियत करे भास्कर पड़ताल के मुताबिक, बीते एक साल में सरकारी स्कूलों में रेप के 13 मामले सामने आए है, जिनमें सभी आरोपी शिक्षक(Teacher) ही हैं। इनमे से कई मामलों में तो स्कूल की शिक्षिकाओं (Teacher) ने साथ दिया है।

इन आरोपी शिक्षको (Teacher) में से अभी तक किसी को भी सजा नहीं हुई हैं, अलवर के बहरोड़ में 10वीं की छात्रा से प्रिंसिपल व 3 शिक्षकों (Teachers) ने एक साल तक दुष्कर्म किया है, और दो शिक्षिकाओं (Teacher) ने इसका वीडियो भी बनाया है, यह बेटियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है।

राजस्थान में होने वाला हर चौथा दुष्कर्म नाबालिग से –
राजस्थान में रिपोर्ट होने वाले दुष्कर्म की घटनाओ में से 24% में पीड़िता नाबालिग हैं। यानी होने वाले हर दुष्कर्म में हर चाैथा दुष्कर्म 18 साल से कम उम्र की बेटी से होता है। इधर, अलवर दुष्कर्म केस की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है। अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई।

मेडिकल कराने से किया इंकार –
अलवर में मांढ़ण थाना क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल व 3 शिक्षकों (Teacher) ने 10वीं की छात्रा से गैंगरेप किया था। इस वारदात का दो शिक्षिकाओं (Teacher) ने वीडियो बनाया। बुधवार को जांच SIT को सौंप दी गई। वहीं SP ने बताया कि परिजनों ने मेडिकल कराने से इनकार किया है।

पॉक्सो कोर्ट में करीब 7000 केस लंबित चल रहे हैं। पॉक्सो मामलों में जल्द फैसले के लिए कानूनविदों का कहना है कि पॉक्सो एक्ट के अनुसार ही ट्रायल सहित अन्य प्रक्रिया हो जाए तो पॉक्सो मामलों में फैसले जल्द हो सकते हैं। पूर्व जिला व सेशन न्यायाधीश व पॉक्साे कोर्ट के पूर्व विशेष जज डॉ. एलडी किराडू का कहना है कि पॉक्सो मामलों में कोर्ट सहित अभियोजन व बचाव पक्ष को भी अनुशासन व सख्ती बरतनी चाहिए। पॉक्सो एक्ट में तय किया है कि छह महीने की अवधि में इन केसों में फैसले हो जाएं। यदि एक्ट के तहत भी केस की न्यायिक प्रक्रिया पूरी कर ली जाए तो भी इन केसों में फैसले जल्द होंगे।

किसी बेगुनाह से न हो अन्याय –
आपराधिक केसों के अधिवक्ता दीपक चौहान का कहना है कि पॉक्सो मामलाें में फैसले जल्द होने चाहिए, लेकिन जल्दबाजी में फेशला करने के किसी बेगुनाह के साथ अन्याय नहीं हो। पॉक्सो कोर्ट जयपुर की विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक का कहना है कि अभियोजन की ओर से पाॅक्सो केसों की ट्रायल जल्द करवाने में पूरा सहयोग किया जाता है और पीड़िता के मेडिकल जांच, डीएनए व एफएसएल की रिपोर्ट को भी जल्द से जल्द कोर्ट में पेश की जाती है, ताकि निर्णय हो सके।

पॉक्सो मामलों के विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किसनावत का कहते हैं कि इन मामलों को केस ऑफिसर स्कीम में लिया जाए ताकि ट्रायल जल्द हो और हर गवाह को तारीख पेशी पर मौजूद रहने के लिए आईओ को जबावदेह बनाएं। अधिवक्ता विकास सोमानी का कहना है कि सूचीबद्द समय सीमा में न्यायिक प्रक्रिया पूरी करें। अधिवक्ता महावीर सुरेन्द्र जैन का कहना है कि दुष्कर्म व पॉक्सो केसों के लिए अलग से अभियोजन विभाग गठित हो और अनुसंधान के बाद पुलिस भी चालान जल्द पेश करें। सुरक्षित जगहों पर ही दरिंदगी – 13 केस दर्ज हुए एक साल में स्कूलों में… घर, अस्पताल भी असुरक्षित

सरकारी स्कूलाें में एक साल में होने वाला यौन शोषण जिला –
भीलवाड़ा – 3
झुंझुनूं – 3
दौसा – 1
हनुमानगढ़ – 1
सीकर – 1
राजसमंद – 1
जयपुर – 1
जालोर – 1
जोधपुर – 1

इन सभी मामलों में शिक्षा विभाग ने आरोपियों को सस्पेंड किया। अपनों से ही है बेटियों को खतरा- 95% मामलों में आरोपी परिचित, 52% में तो पड़ोसी, इसलिए दुष्कर्म में राजस्थान नं. 1- 5877 केस दर्ज हुए इस साल, 2020 की तुलना में 979 अधिक हैं, पुलिस का तर्क- एक तिहाई झूठे- 35.7% केस को झूठा मानकर एफआर लागई गई है .

6 साल से कम की मासूम को भी बनाया शिकार –
पीड़िता की आयु – दर्ज केस –
6 साल तक – 21
6-12 – 64
12-16 – 374
16-18 – 820
18-45 – 3833
45-60 – 225

यानी 6-18 साल तक उम्र के पीड़ितों के खिलाफ यौन अपराध के 1279 यानी 24% केस आए। 18 से अधिक उम्र के 4058 केस। 7000 मामले लंबित हैं प्रदेश की पॉक्सो कोर्ट में। इनमें से 655 जयपुर में।

रोज औसतन – 15 दुष्कर्म कुल केस दर्ज – 5310 अज्ञात आरोपी – 264 परिवार का सदस्य – 721 दोस्त या शादी का झांसा – 1531 पड़ोसी – 2794 आंकड़े 2020 के।