टॉयलेट ‘एक प्रॉब्लम’

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सरकार स्वच्छ भारत , महिलाओं को मिले सम्मान, सबके लिए टॉयलेट बनाने के वादे तो करती रहती है। और समानता की बात भी करती है पर हकीकत अलग है क्योंकि स्त्री और पुरुषों की संख्या लगभग बराबर है। तो सुविधाएँ भी सामान मिलनी चाहिए मगर ऐसा होता नहीं है।
हम जब भी बहार जाते है तब देखे है। की पुरुष टॉयलेट तो दिख जाता है चाहे वो गन्दा ही क्यों न हो मगर महिला टॉयलेट बहुत ही कम होते और जो भी होते है  वो साफ नहीं होते है और कहीं के दरवाजा नहीं होता है । टॉयलेट न हो तो पुरुष कहीं भी टॉयलेट कर लेता है मगर महिला ऐसा नहीं कर सकती । सरकार को महिलाओं के लिए बाजारों में साफ टॉयलेट बनवाने चाहिए ताकि उनको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े ।