महिला-पुरुष कर्मचारियों की सेलरी में अन्तर तो आम बात है । मगर अब आइसलैंड की सरकार ने यह फैसला लिया है कि सभी कम्पनियां अपने कर्मचारियों को बराबर सैलरी देगी । महिला हो या पुरुष दोनों की सेलरी में अंतर नहीं होना चाहिए । आइसलैंड सरकार ने यह फैसला पिछले साल विश्व महिला दिवस के दिन लिया था । इस साल 1 जनवरी 2018 से यह कानून आइसलैंड में लागू हो चुका है । अगर लिंग के आधार पर सैलरी में अंतर पाया गया तो कम्पनी पर भारी जुर्माना लगाया जायगा । महिलाओं के अधिकारों का ख्याल रखने के मामले में आइसलैंड पिछले 9 सालों से टॉप पर है ।