पैतृक सम्पत्ति में लड़कियों के हिस्से के लिए 2005 में केंद्र सरकार ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में संशोधन किया था। इसके तहत पैतृक सम्पत्ति में बेटियों का भी बराबर का हिस्सा होगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी एक मामले में आदेश देते हुए साफ कर दिया है कि यह आदेश 2005 से पहले पैदा हुई लड़कियों पर भी लागू होगा। उनको भी पैतृक सम्पत्ति में से बराबर का हिस्सा देना होगा ।
दो बहनों ने 2002 में एक निचली अदालत में याचिका दायर की थी की इनके भाइयों ने उन्हें उनके स्वर्गीय पिता की सम्पत्ति में से हिस्सा देने से इनकार कर दिया है। निचली अदालत ने इस याचिका को यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया था कि उनका जन्म 2005 से पहले हुआ था, लिहाजा वे सम्पत्ति की अधिकारी नहीं हैं इसके बाद दोनों बहने ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि लड़कियों का जन्म कब हुआ है। लड़कियों का पैतृक सम्पत्ति में बराबर का हिस्सा होगा और 2005 से पहले लंबित मामलों पर भी यह कानून लागू होगा बेटियां चाहे तो पिता कि सम्पत्ति में से कभी भी अपना हिस्सा ले सकती है।