गूगल में एक बार फिर खलबली मच गई है, कंपनी में यौन उत्पीड़न के आरोपियों को बचाने के मामले में अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के खिलाफ कंपनी के दो शेयरधारकों ने कोर्ट केस कर दिया है।
याचिकाकर्ताओं कि मांग
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में अल्फाबेट के डायरेक्टर अपनी जिम्मेदारियां निभाने से बच रहे है। उन्हें कंपनी को हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।
बोर्ड मीटिंग में यौन उत्पीड़न मामले पर चर्चा हुई थी। तथा याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अल्फाबेट के बोर्ड में कम से कम 3 स्वतंत्र निदेशक रखे जाने चाहिए और प्रबंधन के फैसलों पर शेयरधारकों को नजर रखने का अधिकार मिलना चाहिए। आपको बता दे कि अल्फाबेट गूगल की पेरेंट कंपनी है।
एक अमेरिकी अखबार ने पिछले साल अक्टूबर में दावा किया था कि गूगल के एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग डिवीजन के हेड रहे एंडी रूबीन पर साल 2013 में यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। इसके बावजूद गूगल ने एंडी को बचाया और साल 2014 में एग्जिट प्लान के तहत उन्हें 9 करोड़ डॉलर (660 करोड़ रुपए) भी दिए।
अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के खिलाफ दायर एक याचिका में कंपनी की बोर्ड मीटिंग के मिनट्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि एक बैठक में यौन उत्पीड़न के आरोपियों के बारे में चर्चा हुई थी।
महिला कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन
पिछले साल नवंबर में गूगल के लगभग 20 हजार कर्मचारियों ने दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन किया था। इनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं। इनकी मांग थी कि यौन उत्पीड़न के मामलों में पारदर्शी नीति बनाई जाए। मध्यस्थता की अनिवार्यता खत्म की जाए।
गौरतलब है कि गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने पिछले साल कर्मचारियों से माफी भी मांगी थी। उन्होंने यौन उत्पीड़न के मामलों को हैंडल करने के कंपनी तौर-तरीकों पर अफसोस जताते हुए भविष्य में सुधार की बात कही थी।
इस तरह से कामकाजी जगह पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न कि समस्याएं समय-समय सामने आ रही है परन्तु कई बार उनके साथ पूर्ण न्याय नहीं हो पाता है और बड़ी संस्थाएं में भी भेदभाव नजर आता है।